बिहार की राजधानी पटना में शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) आयोजित कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं।
बड़ी संख्या में छात्र सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) की परीक्षा जल्द से जल्द कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि सरकार को टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम (TRE-4) से पहले STET परीक्षा का आयोजन करना चाहिए, क्योंकि बिना STET के TRE-4 की बहाली का कोई मतलब नहीं है।
अपनी मांग पर अड़े रहे छात्र
जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने गांधी मैदान के पास बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज शुरू कर दिया। छात्रों का आरोप है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, इसके बावजूद पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे। इस प्रदर्शन के कारण गांधी मैदान के आस-पास के इलाकों में लंबा जाम लग गया।
छात्रों के बवाल का कारण?
बता दें कि STET, Secondary Teacher Eligibility Test (माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) है। यह बिहार में सरकारी स्कूलों में माध्यमिक (कक्षा 9-10) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11-12) स्तर के शिक्षकों के पदों के लिए उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारित करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित एक राज्य-स्तरीय परीक्षा है। पटना में हुए बवाल का मुख्य कारण एसटीईटी परीक्षा को Teacher Recruitment Exam (TRE)-4 से पहले आयोजित करने की मांग थी। छात्र चाहते हैं कि TRE-4 से पहले एसटीईटी परीक्षा हो, ताकि 2022-2024 और 2023-2025 बैच के B.Ed और BTC के छात्र भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क था कि अगर एसटीईटी परीक्षा पहले नहीं होती, तो वे TRE-4 के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे, क्योंकि उनके पास आवश्यक योग्यता नहीं होगी। छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार ने एक साल में दो बार एसटीईटी परीक्षा आयोजित करने का वादा किया था, लेकिन इस साल अभी तक एक भी परीक्षा नहीं हुई है।
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