Tuesday, December 09, 2025
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9 नेशनल अवॉर्ड जीतने वाला ये डायरेक्ट कभी था क्रिकेटर, 17 की उम्र में चलाया सुरों का जादू, इन फिल्मों से बना कहानियों का किंग

बॉलीवुड का एक निर्देशक ऐसा है, जो पहले क्रिकेटर था, फिर उसने म्यूजिक की दुनिया में कदम रखा और छा गया। इसके बाद उसने अपनी फिल्मों के जरिए नए आयाम तय किए और नामी कहानीकार बना। कौन है ये शख्स, जानें।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Aug 06, 2025 06:15 am IST, Updated : Aug 08, 2025 07:33 am IST
Vishal Bhardwaj- India TV Hindi
Image Source : @VISHALRBHARDWAJ/INSTAGRAM विशाल भारद्वाज।

कम ही लोग ऐसे होते हैं जिनमें कई टैलेंट एक साथ कूट-कूटकर भरे हों। ऐसे लोग किसी टैलेंट की खदान से कम नहीं होते। बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक कंपोजर, निर्देशक, लेखक और गायक विशाल भारद्वाज ऐसी ही शख्सियत के मालिक हैं। उनमें कई हुनर कूट कूटकर भरे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के चांदपुर कस्बे में जन्मे विशाल भारद्वाज अपने बहुआयामी हुनर और अलग सोच के लिए पहचाने जाने वाले विशाल ने इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया है। संगीतकार से लेकर निर्देशक और लिरिक्स राइटर तक, उन्होंने हर भूमिका में खुद को साबित किया।

क्रिकेट से शुरू हुआ सफर, फिल्मों में मिली पहचान

कम ही लोग जानते हैं कि विशाल भारद्वाज पहले भारतीय क्रिकेटर टीम में खेलना चाहते थे। वह अंडर-19 क्रिकेट टीम का हिस्सा भी रहे, लेकिन एक प्रैक्टिस सेशन के दौरान चोट लगने के कारण उन्हें इस करियर को छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा। विशाल का संगीत के प्रति लगाव बचपन से ही था। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने पहला गाना कंपोज कर लिया था। बॉलीवुड में उनकी शुरुआत 1995 में फिल्म ‘अभय’ से एक संगीतकार के तौर पर हुई। हालांकि उन्हें असली पहचान मिली 1996 की फिल्म 'माचिस' से, जिसके गानों को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने खूब सराहा। इस फिल्म का निर्देशन गुलजार ने किया था।

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नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित म्यूजिक कंपोजर

विशाल भारद्वाज को उनकी संगीत रचनाओं के लिए कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है। उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड 1999 में फिल्म 'गॉडमदर' के लिए मिला। इसके बाद उन्होंने ‘ओमकारा’ और ‘हैदर’ जैसी फिल्मों के लिए भी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किया। उनके संगीत और फिल्में हमेशा सामाजिक और भावनात्मक गहराई लिए होती हैं, जो दर्शकों से जुड़ जाती हैं।

निर्देशक के रूप में भी बनाई खास पहचान

संगीतकार के बाद विशाल ने निर्देशन की दुनिया में भी कदम रखा। 2002 में उन्होंने 'मकड़ी' फिल्म से डायरेक्टर के रूप में डेब्यू किया। यह फिल्म बच्चों पर आधारित थी और दर्शकों को काफी पसंद आई। हालांकि बतौर निर्देशक उन्हें असली पहचान मिली 2006 की ‘ओमकारा’ और 2014 की ‘हैदर’ जैसी फिल्मों से, जो शेक्सपियर के नाटकों पर आधारित थीं। उन्होंने ‘कमीने’, ‘7 खून माफ’, और ‘रंगून’ जैसी फिल्मों का भी निर्देशन किया, जो अपने कंटेंट और स्टाइल के लिए काफी सराही गईं। विशाल अब तक 9 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।

लिरिक्स राइटर और गायक के रूप में भी सक्रिय

विशाल भारद्वाज की खासियत यह है कि वे अपनी फिल्मों के गाने खुद भी लिखते हैं। उनकी पहली निर्देशित फिल्म ‘मकड़ी’ के गाने उन्होंने खुद लिखे थे। इसके अलावा वे एक बेहतरीन गायक भी हैं और अक्सर लाइव कॉन्सर्ट्स में परफॉर्म करते हैं।

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