मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद से सत्ता साझेदारी को लेकर भाजपा-शिवसेना का विवाद गहराता ही जा रहा है। शिवसेना ने एक बार फिर से कड़े तेवर दिखाकर कहा है कि वह ज्यादा वक्त तक इंतजार नहीं करेगी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि “शिवसेना लंबे समय तक वेट एंड वाच की भूमिका में नहीं रहेगी।” उन्होंने कहा कि “राजनीति में मतभेद परमानेंट नहीं होता।”
संजय राउत ने बीजेपी के ही उदाहरण देकर बीजेपी को ही चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि “जब बीजेपी, पीडीपी के साथ कश्मीर में और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगुदेशम के साथ आंध्र प्रदेश में सरकार बना सकती है, तो साफ है कि राजनीति में दो पार्टियों में समान विचार जैसी कोई चीज नहीं होती है।” इसके अलावा उन्होंने भाजपा पर धमकाने की भी आरोप लगाया।
राउत ने कहा कि “बीजेपी ईडी की धमकी देती है। लेकिन, महाराष्ट्र में शिवसेना पर यह ज़ोर नहीं चला। इसलिए बीजेपी राष्ट्रपति शासन की धमकी दे रही है। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।” वहीं, संजय राउत ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना का समर्थन करने की मांग करने वाले कांग्रेस नेता हुसैन दलवई को अच्छा नेता करार दिया है।
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई एक अच्छे नेता हैं। अगर उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर यह कहा है कि बीजेपी और शिवसेना में अंतर है और हम शिवसेना को बाहर से समर्थन दे सकते हैं। यह विचार अच्छा है, लेकिन हम महायुति में हैं और आखिर तक गठबंधन धर्म निभाएंगे।”
उन्होंने भाजपा पर बात नहीं करने का भी आरोप लगया। संजय राउत ने कहा कि “बीजेपी ने कभी बातचीत की पहल नहीं की है। शिवसेना हमेशा बातचीत के लिए तैयार है।” उन्होंने कहा कि “बीजेपी अगर 5 तारीख को शपथ लेने की तैयारी में है तो यह उनकी बात है। लेकिन सरकार उसी की बनेगी, जिसके पास 146 का मैजिक फिगर होगा।”