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India TV Samvaad: संतों ने कहा, राम मंदिर पर विवाद फैलाना गलत, सबकुछ विधि-विधान के मुताबिक हो रहा

राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर संत समाज के ही कुछ लोग अलग-अलग बातें कह रहे हैं, और इसी मुद्दे पर संतों ने अपनी बात रखी है।

Reported By : Meenakshi Joshi Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Jan 17, 2024 12:56 IST, Updated : Jan 17, 2024 13:32 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी 'संवाद' के मंच पर चर्चा करते संत।

लखनऊ: अहम मुद्दों पर आधारित दिन भर चलने वाले कार्यक्रम इंडिया टीवी 'संवाद' में धर्माचार्यों ने अपने-अपने मत रखे। 'संवाद' के मंच पर जैन संत आचार्य लोकेश मुनि, श्री आनंद धाम के रितेश्वर जी महाराज और अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने चर्चा में हिस्सा लिया। दरअसल, राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर संत समाज के ही कुछ लोग अलग-अलग बातें कह रहे हैं। चारों शंकराचार्यों में से कम से कम दो शंकराचार्य भी कहीं न कहीं राम मंदिर निर्माण और इसकी प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में इन संतों की बातें काफी अहम हो जाती हैं।

'विवाद खड़े करने वाले अप्रासंगिक हो जाएंगे'

जैन संत आचार्य लोकेश मुनि ने राम मंदिर निर्माण को लेकर भ्रम फैलाने वालों पर कहा, 'राम जी तो सबके मनों का भ्रम मिटाने का काम करते हैं। जो लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, पूरी दुनिया देखेगी कि 22 जनवरी को उनके मन के भ्रम कैसे मिट जाएंगे। यह अनावश्यक विवाद है, और सबको समझना चाहिए कि भगवान राम किसी पार्टी, किसी दल, किसी संप्रदाय के नहीं हैं बल्कि भारत की अस्मिता हैं। अनावश्यक रूप से विवाद खड़े करने वाले खुद अप्रासंगिक हो जाएंगे।'

'शास्त्रों की बात करने वाले उस समय कहां थे?'

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मुहूर्त के समय पर सवाल उठाने वाले लोगों के जवाब में कहा, 'जो लोग आज शास्त्रों के मर्यादा की बात कर रहे हैं, वे लोग उस समय कहां थे जब श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में कारसेवकों के खून से लथपथ शव पड़े हुए थे। क्या मुहूर्त देखकर बाबरी का विध्वंस हुआ था? आचार्य गणेश्वर द्रविड़ शास्त्री, जिन्होंने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दिया है, ने 6 पेज का एक पत्र लिखकर इस बारे में सारी स्थिति स्पष्ट कर दी है।'

'यहां कोई भ्रम नहीं है, यहां केवल धर्म है'

स्वामी रितेश्वर जी महाराज ने राम मंदिर निर्माण पर भ्रम फैलाने वालों पर बोलते हुए कहा, 'यहां कोई भ्रम नहीं है। यहां धर्म है, और धर्म का प्रचार हो रहा है। आज यह दिन आया है तो इसमें कई लोगों की भूमिका है। उन लोगों की भी बड़ी भूमिका है जिन सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा और राम जी की यात्रा आदि निकालने वालों को हम अपने डाइनिंग टेबल और ड्राइंग रूम में बैठकर 'आवारा' और 'चंदाखोर' कहते थे, आज उन्हीं के कारण भारत ने यह दिन देखा है जब बाबर के द्वारा तोड़े गए मंदिर की पुनर्स्थापना हुई है और भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है।'

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