Tuesday, October 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma's Blog | NEET इम्तहान : गड़बड़झाला या घपला?

Rajat Sharma's Blog | NEET इम्तहान : गड़बड़झाला या घपला?

परीक्षा कराने वाली NTA के जवाब और भी हैरान करने वाले हैं। NTA का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बना दी गई है, ग्रेस मार्क्स भी नियम के मुताबिक दिए गए हैं। ये कहना और भी बड़ा मजाक है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: June 13, 2024 17:02 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog Latest, Rajat Sharma- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि NEET-UG परीक्षा में जिन 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क देने का फैसला हुआ था, उसे निरस्त कर दिया गया है। इन सभी छात्रों को 23 जून को दोबारा इम्तहान में बैठना पड़ेगा, जिसका नतीजा 30 जून को जारी कर दिया जाएगा। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के वकील ने सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें बगैर ग्रेस मार्क के स्कोर कार्ड दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अन्य छात्रों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया अभी जारी रहेगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि सारी याचिकाओं पर एक साथ 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में पेपर लीक और कई अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। NEET-UG परीक्षा इस साल 5 मई को देश भर में 4,750 परीक्षा केंद्रों पर कराई गई थी, जिसमें करीब 24 लाख छात्रों ने इम्तहान दिया था। परीक्षा के नतीजों का ऐलान 4 जून को किया गया, लेकिन जब ये पता चला कि 67 छात्रों को शत-प्रतिशत 720 अंक मिले हैं, तो देश भर में प्रदर्शन हुए। छात्रों और अभिभावकों का आरोप था कि परीक्षा में हेराफेरी हुई है। हरियाणा में फरीदाबाद के एक ही केंद्र में 6 छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिले।  इसपर एनटीए के महानिदेशक ने कहा कि चूंकि कुछ केंद्र पर प्रश्नपत्रों को बांटने में देरी हुई, इसलिए उन छात्रों को समय की कमी के कारण ग्रेस मार्क दिए गए। एनटीए का यह स्पष्टीकरण लोगों के गले नहीं उतरा। अब लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जिन छात्रों ने डॉक्टर बनने का सपना संजोया था, वही छात्र आज सड़कों पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। जो छात्र डॉक्टर बनने के लिए कई सालों से मेहनत कर रहे थे, अब कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं, याचिका पर याचिका दायर कर रहे हैं।

NEET परीक्षा में जिस तरह की गड़बड़ियां हुईं, उसने छात्रों और उनके अभिभावकों को परेशान कर दिया। जहां पिछले चार साल में NEET में शत-प्रतिशत अंक लाने वाले मुश्किल से 6-7 छात्र हुआ करते थे, इस साल ऐसे छात्रों की संख्या अचानक 67 हो गई। ये कैसे हुआ, ये एक रहस्य है। लोग पूछ रहे हैं कि इन 67 टॉपर्स में भी 6 टॉपर हरियाणा के एक ही सेंटर से कैसे हो गए? एक ही सीरीज के रोल नंबर वाले टॉपर 6-6 कैसे हो गए? क्या NEET परीक्षा कराने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा आयोजित करने में गड़बड़ी की? या रिजल्ट देते वक्त कुछ सेंटर्स के छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने से इतनी बड़ी समस्या पैदा हुई? सवाल ये भी है कि ग्रेस मार्क्स देने की नौबत क्यों आई, जब NEET में पहले कभी ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए? इस साल ऐसा क्या हो गया और ग्रेस मार्क्स दिए भी गए तो कितने मार्क्स दिए गए, किस आधार पर दिए गए? इंडिया टीवी पर बुधवार रात को ‘आज की बात’ शो में मैने इन कारणों पर विस्तार से बताया। एलेन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि जब से NTA ने NEET कराना शुरू किया है तब से ही हर परीक्षा में कुछ न कुछ गड़बड़ी हो रही है। बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि 2020 से 2023 तक केवल 7 बच्चों को NEET एग्जाम में 100 परसेंट मार्क्स मिले हैं पर इस बार, एक ही सेंटर से इतने स्टूडेंट को नंबर वन रैंक मिलना बहुत हैरान करने वाला है।

इस बार सबसे ज़्यादा चर्चा हरियाणा के झज्जर ज़िले की हो रही है। झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल में परीक्षा देने वाले 6 छात्र टॉप रैंक में आए हैं। यानी कुल 67 टॉपर्स में से दस परसेंट। यानी छह ने एक ही सेंटर में बैठकर इम्तिहान दिया, शत प्रतिशत अंक ले आए, 720 में से पूरे 720 अंक हासिल किए और रैंकिंग में टॉप कर गए। झज्जर के इसी सेंटर के दो छात्रों को 718 और 719 नंबर मिले और उनकी सेकेंड टॉप रैंक आई। ऑल इंडिया रैंकिंग में झज्जर के इस सेंटर के छात्र 61 से 69 नंबर पर हैं। आरोप लगे कि इन सारे छात्रों ने एक साथ बैठकर परीक्षा दी  और सबको पूरे मार्क्स दे दिए गए। जिनके कम स्कोर थे, उनको ग्रेस मार्क दे दिए गए। इस रैंकिंग को देखकर तो  झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल भी हैरान हैं। प्रिंसिपल अंजू यादव ने कहा जिन छात्रों की ऑल इंडिया टॉप रैंकिंग आई है, उन सबने अलग अलग कमरों में बैठकर परीक्षा दी थी, फिर भी सबको एक जैसे अंक कैसे मिल गए, ये उनकी समझ से परे है। जब सवाल उठे तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सफ़ाई दी कि झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल और कुछ दूसरे सेंटर्स पर पेपर बांटने में गड़बड़ी और दूसरे कारणों से छात्रों को कम समय मिला था, इसलिए 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। इसी वजह से रैंकिंग में दो-तीन गुना उछाल आया। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल सुबोध सिंह ने कहा कि ग्रेस मार्क का एक फॉर्मूला NTA ने तय किया है, जिसमें अगर किसी छात्र का समय नष्ट  होता है तो उसको ग्रेस मार्क दिए जाते हैं।

लेकिन हरदयाल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ने एक बड़ी बात बताई। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र  को लेकर बहुत कंफ्यूज़न था। पहले कहा गया था कि उनको एक ही बैंक से जाकर पेपर कलेक्ट करने हैं। फिर एग्ज़ाम को-ऑर्डिनेटर ने दो बैंकों से पेपर लेने को कहा। पहले छात्रों को क्वेश्चन पेपर के दो सेट बांट दिए गए। फिर NTA से बात करने के बाद एक सेट टेबल से उठा लिया गया और दूसरा सेट छात्रों को सॉल्व करने के लिए छोड़ा गया। यही नहीं, हरदयाल पब्लिक स्कूल के सेंटर पर छात्रों ने जिस पेपर पर परीक्षा दी, वो पूरे देश में NEET परीक्षा से अलग प्रश्नपत्र था। अंजू यादव ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत भी NTA से उसी दिन कर दी थी। इसका मेल भी उन्होंने इंडिया टीवी को दिखाया। दिलचस्प बात ये है कि NTA अपने प्रश्नपत्र की 'आंसर की' जारी करता है, लेकिन झज्जर के सेंटर में जिस प्रश्नपत्र पर परीक्षा हुई, उसकी 'आंसर की' भी NTA ने नहीं रिलीज़ की। ये बड़ा सवाल है कि झज्जर के इस स्कूल में NEET का अलग पेपर कैसे पहुंचा? और क्या इसी वजह से इस सेंटर के 6  छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिल गए। ऐसे कुप्रबंध की शिकायतें हमें कई परीक्षा केंद्रों से मिलीं।

राजस्थान के सवाई माधोपुर  में 5 मई को मानटाउन में एक स्कूल में NEET परीक्षा हो रही थी। जब छात्रों को पेपर बांटे गए, तो हिंदी वालों को अंग्रेज़ी के, और इंग्लिश मीडियम वालों को हिंदी के पेपर दे दिए गए। कुछ पेपर के साथ आंसरशीट भी अटैच थी। छात्रों ने हंगामा किया तो सेंटर के मैनेजमेंट ने कहा कि इसी पेपर से परीक्षा देनी होगी।  लेकिन छात्र नहीं माने, वे स्कूल से बाहर आ गए, पुलिस ने लाठीचार्ज किया पर बाद में NTA ने शाम को फिर से परीक्षा कराई।  NEET परीक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उसके नतीजे उतने ही रहस्यपूर्ण हैं। एक सेंटर में 8-8 टॉपर, एक सेंटर में 6 छात्रों को शत-प्रतिशत अंक, एक सेंटर पर ग्रेस मार्क्स दिए गए, एक सेंटर पर प्रश्नपत्र के दो-दो सेट बांटे गए, ये परीक्षा है या मजाक? इसका मतलब साफ है, कि NEET की परीक्षा प्रणाली मजबूत नहीं है। इसपर लोगों को भरोसा नहीं रहा। परीक्षा कराने वाली NTA के जवाब और भी हैरान करने वाले हैं। NTA का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बना दी गई है, ग्रेस मार्क्स भी नियम के मुताबिक दिए गए हैं, ये कहना और भी बड़ा मजाक है। सोचिए, इतनी बड़ी परीक्षा जहां 23-34 लाख छात्र होते हैं, वहां इस तरह का ऐडहॉक रवैया।  ये आपराधिक लापरवाही से कम नहीं है। जो छात्र 2-3 साल से दिन रात एक करके मेहनत कर रहे हों, जिन छात्रों के घरवालों ने पाई-पाई जोड़कर महंगी किताबों और कोचिंग की फीस का इंतजाम किया हो, जो परीक्षा सिर्फ छात्रों की  नहीं, अभिभावकों की परीक्षा बन गई हो, वहां जब भरोसा टूटता है, वहां जब दाल में काला दिखाई देता है, तो लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। गुस्सा आता है, लोग प्रोटेस्ट करते हैं, जो बिलकुल जायज़ है। उम्मीद ये कर सकते हैं कि  सुप्रीम कोर्ट इस मामले की गहराई से सुनवाई करेगा, कोई रास्ता निकलेगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 जून, 2024 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement