Saturday, April 20, 2024
Advertisement

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में सीट बंटवारा: भाजपा-जदयू 17-17, लोजपा 6 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

भाजपा का बिहार में अपने सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ सीटों के बंटवारे पर समझौता लगभग हो गया है।

IndiaTV Hindi Desk Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 23, 2018 23:35 IST
बिहार फॉर्मूला तय- India TV Hindi
बिहार फॉर्मूला तय

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर रविवार को आखिरकार सहमति बन गई। सीटों की संख्या को लेकर हुये समझौते को अंतिम रूप देते हुये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से भाजपा और जद (यू) 17-17 तथा लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पासवान को जल्द ही राज्यसभा भेजा जाएगा। शाह ने यहां बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की मौजूदगी में यह घोषणा की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के साथ एक संक्षिप्त बैठक के बाद शाह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जितना जल्दी हो सके पासवान को राज्यसभा भेजा जाएगा। 

शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पिछली बार से अधिक यानि 31 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगा और इसके साथ ही उन्होंने पूर्ण विश्वास जताया कि यह गठबंधन 2019 में फिर से सत्ता में आयेगा। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीट है। इस समझौते से लोजपा को फायदा पहुंचा है। पार्टी को कम सीटें मिलने के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन गठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्त्व वाली रालोसपा के निकलने के बाद मौके का फायदा उठाते हुये लोजपा अपने तेवर कड़े करते हुये भाजपा के साथ बेहतर सौदा करने में कामयाब रही, जिसके चलते उन्हें छह सीट मिल गयी। नीतीश कुमार भी भगवा पार्टी को अपनी महत्ता समझाने में कामयाब रहे , जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में अब उनको भाजपा के बराबर खड़ा होने का मौका मिल गया, उनकी झोली में कुछ वे सीटें भी आ गयी हैं, जिसपर 2014 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा को अब जीती हुई अपनी 22 सीटों में से कम-से-कम पांच सीटों को जदयू के लिए छोड़ना पड़ेगा।

जद (यू) ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था और सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिल पायी थी, जबकि लोजपा ने छह सीट अपने नाम की थी। शाह ने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी दल जल्द ही लोकसभा क्षेत्रों के बंटवारे पर निर्णय लेंगे। यहां से पार्टियां 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारेंगी। रविवार को इस मौके पर राम विलास पासवान ने कहा कि गठबंधन में कभी कोई समस्या नहीं थी, वे मोदी के नेतृत्व में पांच सालों से ‘‘राजग के पेड़’’ को सींच रहे हैं व उसको मजबूत बनाया है। गौरतलब है कि पासवान के बेटे चिराग ने अपने बयानों से खलबली मचा दी थी जिसे भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ माना जा रहा था। उन्होंने कहा कि देश में फिर से मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। 

दलित नेता ने अपनी पार्टी और भाजपा के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी धन्यवाद किया। सीट बंटवारे से खुश नजर आने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि 2009 में जब परिणाम राजग के खिलाफ थे तब भी बिहार में राजग को 40 में से 32 सीटें मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार तो हम उससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’ वह 2009 में भाजपा के सहयोगी थे लेकिन 2013 में अलग हो गए। 2017 में वह फिर से राजग में लौट आए। बाद में शाह ने ट्वीट किए कि प्रगतिशील और समृद्ध भारत के लिए मजबूत राजग की जरूरत है। उन्होंने इसे मजबूत बनाने के लिए कुमार और पासवान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा-जद यू- लोजपा गठबंधन लोगों की आकांक्षाओं का गठबंधन है। उन्होंने बिहार में महागठबंधन को अवसरवादी बताया और दावा किया कि बिहार के लोग राजग की विकास समर्थक राजनीति के साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में शानदार बहुमत हासिल करेंगे और बड़ी जीत के साथ सत्ता में लौटेंगे (केंद्र में)।’’ 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement