Monday, April 29, 2024
Advertisement

नई संसद को जयराम रमेश ने बताया 'मोदी मल्टीप्लेक्स', जेपी नड्डा बोले- यह दयनीय मानसिकता है

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नए संसद भवन को लेकर कई तरह की कमियां गिनाईं, जिस पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस संसद विरोधी हुई है।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: September 23, 2023 16:17 IST
जयराम रमेश और जेपी नड्डा- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO जयराम रमेश और जेपी नड्डा

कांग्रेस ने नए संसद भवन के डिजाइन को लेकर सवाल खड़े किए। कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि दोनों सदनों के बीच समन्वय खत्म हो गया है और इसमें घुटन महसूस होती है, जबकि पुराने भवन में खुलेपन का अहसास होता था। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद शायद नए संसद भवन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के निम्नतम स्तर के मुकाबले यह एक दयनीय मानसिकता है।

कांग्रेस महासचिव के बयान पर बोले नड्डा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के बयान पर हमलावर होते हुए बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने 'एक्स' पर लिखा, "कांग्रेस पार्टी के निम्नतम स्टैंडर्ड के हिसाब से भी ये दयनीय मानसिकता है। ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है। ये पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस संसद विरोधी हुई है। उन्होंने 1975 में भी ऐसा करने की कोशिश की और इसमें वह बुरी तरह विफल रहे।

"पुराने संसद भवन की कई विशेषताएं थीं"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "इतने भव्य प्रचार-प्रसार के साथ उद्घाटन किया गया नया संसद भवन प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से दिखाता है। इसे 'मोदी मल्टीप्लेक्स' या 'मोदी मैरियट' कहा जाना चाहिए। चार दिन में मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में बातचीत एवं संवाद खत्म हो गया है।" उन्होंने दावा किया, "हॉल के कंपैक्ट नहीं होने की वजह से एक-दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता महसूस होती है। पुराने संसद भवन की कई विशेषताएं थीं। एक विशेषता यह भी थी कि वहां बातचीत और संवाद की अच्छी सुविधा थी। दोनों सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच आना-जाना आसान था। नया भवन संसद के संचालन को सफल बनाने के लिए आवश्यक जुड़ाव को कमजोर करता है। दोनों सदनों के बीच आसानी से होने वाला समन्वय अब अत्यधिक कठिन हो गया है।" 

वाराणसी: PM मोदी ने 'हर हर महादेव' के जयकारे से की भाषण की शुरुआत, जानें बड़ी बातें

"संसद में भ्रमण का आनंद गायब हो गया"

उन्होंने कहा कि अगर आप पुरानी इमारत में खो जाते, तो आपको अपना रास्ता फिर से मिल जाता, क्योंकि वह गोलाकार है। नई इमारत में यदि आप रास्ता भूल जाते हैं, तो भूलभुलैया में खो जाएंगे। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि पुरानी इमारत के अंदर और परिसर में खुलेपन का एहसास होता है, जबकि नई इमारत में घुटन महसूस होती है। उन्होंने कहा कि अब संसद में भ्रमण का आनंद गायब हो गया है। मैं पुराने भवन में जाने के लिए उत्सुक रहता था। नया परिसर दर्दनाक और पीड़ा देने वाला है। मुझे यकीन है कि पार्टी लाइन से परे मेरे कई सहयोगी भी ऐसा ही महसूस करते होंगे।

लाडली बहना योजना को लेकर CM शिवराज का बड़ा ऐलान, उम्र में की कटौती, बढ़ा दी सहायता राशि

"नए संसद भवन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा"

रमेश ने दावा किया, "मैंने सचिवालय के कर्मचारियों से यह भी सुना है कि नए भवन के डिजाइन में उन्हें काम में मदद करने के लिए आवश्यक विभिन्न व्यावहारिकताओं पर विचार नहीं किया गया है। ऐसा तब होता है, जब भवन का उपयोग करने वाले लोगों के साथ ठीक से परामर्श नहीं किया जाता है।" उन्होंने कहा कि 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद शायद नए संसद भवन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। बता दें कि नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही 19 सितंबर से शुरू हुई। पुराने भवन को अब 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाएगा।

- PTI इनपुट के साथ

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement