Monday, April 29, 2024
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बुढ़ापे में भी रखना है अपने दिमाग तो स्मार्ट, तो करें ये काम

मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप गोरलिक ने एक अध्ययन किया जिसमें उन्होंने कहा कि जीवन के सरल 7 का अनुसरण करके हम न केवल दिल के दौरों और स्ट्रोक को रोक सकते हैं, बल्कि हम संज्ञानात्मक हानि को रोकने में भी सक्षम हो सकते हैं। जानिए क्या है वो.

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: September 11, 2017 11:13 IST
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हेल्थ डेस्क: बढ़ती उम्र के साथ हमे ये फिक्र सताने लगती है कि बुढ़ापे में उम्र के साथ हमारी दिमाग भी काम करना कम कर देगा। हर चीज जल्दी भूल जाएगे। जिसके कारण बोलते है कि हम कभी बूढ़े न हो। अग बूढ़े हो तो अभी की तरह की आपका दिमाग स्मार्ट, तेज रहे। अगर ऐसा है, तो आप ये काम करके इस समस्या को भी दूर कर सकते है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के एक नए परामर्श के मुताबिक, यदि आप अपने आने वाले वर्षो में भी स्मार्ट रहना चाहते हैं? तो आपको बचपन से ही एक स्वस्थ जीवनशैली बनानी होगी, क्योंकि यह उम्र में एक संज्ञानात्मक गिरावट के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल और रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि बड़े और छोटे रक्त कणों को नुकसान पहुंचा सकती है, उन्हें संकुचित बनाते हुए जाम कर सकती है। इसे एथरोस्क्लेरोसिस नाम से भी जाना जाता है, जो कि एक बीमारी की प्रक्रिया है, जो कई दिल के दौरों और स्ट्रोक का प्रमुख कारण है।

मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप गोरलिक ने कहा कि अध्ययन, "आश्वस्त रूप से यह दर्शाता है कि एक ही जोखिम वाले कारक एथरोस्क्लेरोसिस का कारण बनते हैं और साथ ही अधिक उम्र में संज्ञानात्मक हानि और अल्जाइमर रोग में भी योगदान करते हैं।"

अध्ययन में पता चला है कि यदि मौजूदा चलन कायम रहता है तो दुनिया भर में 7.50 लोग पागलपन के शिकार हो सकते हैं।

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अगली स्लाइड में कौन से है कारक

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