धर्म डेस्क: सिद्धिविनायक गजानन आपके द्वार 13 सितंबर को आने वाले है। जिसका उत्साह हर जगह देखने को मिल रहा है। हो भी क्यों नहीं आखिर गणेश चतर्थी का त्योहार है। आपको बता दें कि गणेश चतुर्थी 12 सितंबर को शाम 4 बजकर 8 मिनट से शुरु हो जाएगी। जो कि गुरुवार दोपहर 2 बजकर 51 मिनट तक है। इसलिए पूजा का सही समय सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा। उसके बाद दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक गणपति की स्थापना कर सकते है।
गणेश पूजा में मूर्ति स्थापना का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति स्थापना करने से अति सौभाग्य आता है। बस स्थापना करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें जिससे कि किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। (Ganesh Chaturthi 2018: गणेश चतुर्थी पर इस शुभ मुहूर्त में करें बप्पा की स्थापना, साथ ही इस सामग्री से ही करें पूजा)
गणेश स्थापना के समय ध्यान रखें ये बातें
- गणेश जी की प्रतिमा के पीछे दीवार न रखें। जिससे कि उनकी पीठ के दर्शन हो।
- अगर आप घर पर गणपति की पूर्ति ला रहे है तो इस बात का ध्यान रखें कि उसमें बांईं ओर सूड़ हो। यह बहुत ही मंगममयी मानी जाती है। वहीं अगर आप दाईं ओर सूड़ वाली मूर्ति लाएंगे तो वह बहुत देर में प्रसन्न होगी।
- घर या ऑफिस में कभी भी एक ही जगह पर गणेश जी की 2 मूर्ति न रखें। वास्तु के अनुसार माना जाता है कि इससे ऊर्जा का आपस में टकराव होता है। जो कि अशुभ फल देता है। इसलिए घर पर एक से अधिक मूर्ति न रखें।
- अगर रखी है तो अलग-अलग स्थानों पर स्थापित करें।
- अगर आपको घर पर गणेश जी को विराजमान करना है। जो इसके लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व और उत्तर पूर्ण कोण शुभ मानी गई है। भूलकर भी दक्षिण या फिर दक्षिण पश्चिम दिशा में मूर्ति स्थापित न करें।
- भगवान गणेश जी को मंगलमुखी भी कहा जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि उनका मुंह दरवाजे की ओर न हो। इससे आपके घर पर हमेशा दरिद्रता ही वास करेगी।
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