Sunday, May 19, 2024
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जानिए, हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार सूर्यास्त के बाद क्यों नहीं करते?

हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमें न जाने कितने रीति-रिवाज और परंपराएं है। इसी तरह इस धर्म में व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार माने जाते है। और जो सबसे आखिरी संस्कार होता है। वह है सोलह संस्कार।

India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 05, 2016 14:03 IST

छेद वाले घड़े में जल भरकर परिक्रमा

छेद वाले घड़े में जल भरकर परिक्रमा

छेद वाले मटकी में जल भरकर परिक्रमा
अगर आपने ध्यान दिया हो तो आपने देखा होगा कि जब दाह-संस्कार किया जाता है उश समय एक छेद वाली मटकी में जल लेकर चिता पर रखे शव की परिक्रमा की जाती है और बाद में पीछे की ओर इसे पटककर फोड़ दिया जाता है। इस बारें में इस पुराण में माना जाता है कि ऐसा करने से मृत व्यक्ति की आत्मा का उसके शरीर से मोह भंग करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसके पीछे एक और रहस्य है।

इसके बारें में कहा जाता है कि हमार जीवन इस मटकी की तरह मृहोता है जिससे भरा पानी हमारा समय होता है। जब मटकी से पानी टपकता है तो इसका मतलब हुआ कि इस आयु रूपी पानी हर पल टपकता रहता है और अंत में सब कुछ छोड़कर जीवात्मा चली जाता है

अगली स्लाइड में पढ़िए और संस्कारों के बारें में

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