Saturday, April 27, 2024
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Deba Snana Purnima 2021: महाप्रभु जगन्नाथ एकांतवास में गए

आज के दिन भगवान जगन्नाथ के साथ उनके सुदर्शन चक्र, बलभद्र और बहन सुभद्रा को कलश के द्वारा जल से स्नान कराया जाता है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 25, 2021 0:04 IST
Deba Snana Purnima 2021: महाप्रभु जगन्नाथ जी की देव स्नान पूर्णिमा नीति शुरू, यहां कीजिए दर्शन- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/JAGANNATHADHAAM Deba Snana Purnima 2021: महाप्रभु जगन्नाथ जी की देव स्नान पूर्णिमा नीति शुरू, यहां कीजिए दर्शन

भगवान श्री जगन्नाथ गुरुवार को एकांतवास में चले गए। भगवान जगन्नाथ के साथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम भी एकांतवास में चले गए। 11 जुलाई को अब नेत्रदान अनुष्ठान के बाद भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन मिलेंगे। परम्परा के मुताबिक तो 12 जुलाई को रथ यात्रा है, लेकिन कोविड की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी रथ यात्रा और मेला का आयोजन नहीं होगा। 

ज के दिन भगवान जगन्नाथ के साथ उनके सुदर्शन चक्र, बलभद्र और बहन सुभद्रा को कलश के द्वारा जल से स्नान कराया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये स्नान लगभग पूरा दिन कराने के कारण भगवान बीमार पड़ जायेंगे और फिर उन्हें मन्दिर के गर्भग्रह में स्थापित किया जायेगा । इस दौरान किसी भी भक्तगण को भगवान के दर्शन करने की इजाजत नहीं होती है। लगभग पन्द्रह दिनों तक भगवान गर्भग्रह में ही विराजमान रहते हैं। उसके बाद देशभर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। । 

जगन्नाथ पुरी के ऑफिशियल अकाउंट से स्नान की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। स्नान के दौरान भगवान का गजानन या हाथी मनाया जाता है। देवस्वना की पूर्णिमा के दिन, देवताओं को स्नान वेदी पर ले जाया जाता है। नियमों के अनुसार, स्नान करने के बाद, मूर्तियों को एक गजानन की आड़ में तैयार किया जाता है, जिसे हाथी के नाम से जाना जाता है।

पुरी रथ यात्रा से पहले देवस्नान पूर्णिमा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम

देवस्नान पूर्णिमा श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बगैर आयोजित करने के लिए व्यापक इंतजाम किये हैं। यह उत्सव भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा से पहले मनाया जाता है। रथ यात्रा 12 जुलाई को मनाई जाएगी। पुलिस ने लोगों से इसमें सहयोग करने की अपील की है क्योंकि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि भगवान जगन्नाथ की सभी रस्म जून और जुलाई में होनी है, जो श्रद्धालुओं की भागीदारी के बगैर होगी ताकि कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। 

25 जुलाई से श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा जगन्नाथ पुरी

पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर 25 जुलाई को जनता के लिए खुलेगा। यह जानकारी प्राधिकारियों ने बुधवार को दी। मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि यह निर्णय श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि मंदिर 15 जून तक भक्तों के लिए बंद था, जिसे 25 जुलाई तक बढ़ा दिया गया। 

रथ यात्रा उत्सव पूरा होने के दो दिन बाद मंदिर जनता के लिए खुलेगा। भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ 23 जुलाई को नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव के बाद मंदिर लौटेंगे। उन्होंने कहा, 'भक्तों को दो दिन बाद मंदिर में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।'

कुमार ने कहा कि हालांकि, एसजेटीए 24 या 25 जुलाई को फिर से बैठक करेगा और मौजूदा स्थिति के आधार पर जनता को अनुमति देने पर फैसला करेगा। 24 जून को स्नान यात्रा (स्नान उत्सव) और 12 जुलाई को रथ यात्रा राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार भक्तों के बिना, कोविड-19 दिशानिर्देशों के पालन के साथ आयोजित की जाएगी। कुमार ने कहा कि रथ यात्रा सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में सेवादारों की भागीदारी से होगी। उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले सेवकों को टीकाकरण की दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र या कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। 

जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि त्योहार के दौरान पुरी में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी। एसजेटीए ने एक अलग बैठक में जगन्नाथ मंदिर में आठ दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने के लिए दो समितियों का गठन करने का भी निर्णय लिया। उनमें से एक तकनीकी समिति होगी और दूसरी सेवादारों का प्रतिनिधित्व करेगी। कुमार ने कहा कि एक दानदाता चांदी प्रदान करेगा। कुमार ने कहा कि लगभग दो टन धातु का उपयोग होने की संभावना है। 

इनपुट भाषा

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