Saturday, May 04, 2024
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Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन होगी मां शैलपुत्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। जानिए मां शैलपुत्री के बारे में।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: September 28, 2019 21:09 IST
First Navratri 2019- India TV Hindi
First Navratri 2019

Navratri Subh Muhurat 2019: 29 सितंबर, रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही हैं। इस दिन व्रत रखने वाले लोग घर पर घट स्थापना करते है। इसके साथ ही मां दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है।  मार्केण्डय पुराण के अनुसार, पर्वतराज यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इसके साथ ही मां शैलपुत्री का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। मां शैलपुत्री के रूप के बारे में बताएं तो  इनके दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।

इस मंत्र का करें जाप

कहा जाता हैं कि आज के दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने और उनके मंत्र का जप करने से व्यक्ति का मूलाधार चक्र जाग्रत होता है। अतः माता शैलपुत्री का मंत्र
वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्र अर्धकृत शेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

इस प्रकार माता शैलपुत्री के मंत्र का कम से कम 11 बार जप करने से आपका मूलाधार चक्र तो जाग्रत होगा ही, साथ ही आपके धन-धान्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य में वृद्धि होगी और आपको आरोग्य तथा मोक्ष की प्राप्ति भी होगी।

पहला शारदीय नवरात्र का शुभ मुहूर्त
अस्तु सुबह 07 बजकर 40 मिनट से कलश स्थापना शुरू करके दोपहर 12 बजकर 12 तक कभी भी किया जा सकता है | दोपहर में 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट के बीच अभिजित मुहूर्त भी रहेगा | ये मुहूर्त भी बेहद शानदार होता है |

मां शैलपुत्री की पूजन विधि
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की होती है। इस दिन मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

मां शैलपुत्री की पूजा के लिए उनकी तस्वीर या फिर प्रतिमा की स्थापित करके पूजा की जाती है। इसके बाद कलश स्थापना करें। जिसके ऊपर आम के पत्ते रखकर पराई रखें। इसके बाद इसके ऊपर  नारियल रखें। फिर अखंड ज्योति जला लें। 

अब देवी मां के इस मंत्र से उनकी उपासना करनी चाहिए। मंत्र है- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।’ मां को सफेद फूलों की माला अर्पित करें। इसके साथ ही सफेद रंग की खीर या किसी सफेद चीज का भोग लगाए। इसके बाद चालीसा करें और मां की आरती कर लें।   

शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्र के पहले दिन देवी के शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के  लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए । त्रिफला में आंवला, हर्रड़ और बहेड़ा डाला जाता है। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती हैं।

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