महाराष्ट्र के दागी मंत्री माणिकराव कोकाटे से आखिरकार उनके विभाग छीन लिए गए है। बता दें कि उनके पास खेल और युवा कल्याण, अल्पसंख्यक विकास और औकाफ विभागों की जिम्मेदारी थी। अब माणिकराव कोकाटे के विभागों को उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सौंप दिया गया है। माणिकराव कोकाटे महायुति सरकार में मंत्री थे और उन्हें नासिक जिला अदालत ने एक मामले में दोषी ठहरा दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
माणिकराव पर क्या था आरोप?
माणिकराव कोकाटे पर आरोप लगा था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बने मकानों पर फर्जी दस्तावेज जमा कर कब्जा किया गया है। पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने वर्ष 1995 में इस मामले में याचिका दायर की थी। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब नासिक जिला अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है। जानकारी के मुताबिक, नासिक कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
राज्यपाल ने विभागों के ट्रांसफर को दी मंजूरी
महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में कहा है- "मुझे आपका 17 दिसंबर, 2025 का पत्र मिला है, जिसमें एडवोकेट माणिकराव सरस्वती शिवाजी कोकाटे, मंत्री के पास मौजूद खेल और युवा कल्याण, अल्पसंख्यक विकास और औकाफ विभाग का पोर्टफोलियो अजीत पवार, उपमुख्यमंत्री (वित्त और योजना, राज्य उत्पाद शुल्क) को आवंटित करने की सिफारिश की गई है। मैं आपकी उपरोक्त सिफारिश को अपनी मंजूरी देता हूं।'
कांग्रेस ने क्या कहा?
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भी बुधवार को माणिकराव कोकाटे को लेकर बयान दिया था। सपकाल ने कहा था- बात बिल्कुल साफ है...अब क्या कहा जाए जब लोकतंत्र और गणतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री को खुद इस बात को समझना चाहिए और रही बात अजित पवार की तो उन्हें तो खुद पार्थ पवार के केस में इस्तीफा देना चाहिए। मुझे लगता है माणिकराव कोकाटे और अजित पवार दोनों को इस्तीफा देना चाहिए।
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