जेल में बंद वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल के पास से मोबाइल, जासूसी कैमरे समेत कई अन्य चीजें बरामद की गई थीं।
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा था कि शहीद अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार में सैन्य सम्मान नहीं दिया गया क्योंकि वह एक अग्निवीर सैनिक थे। अब इस मामले में सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
ब्रिटेन में रह रहा अवतार सिंह पिछले काफी दिनों से ब्लड कैंसर से जूझ रहा था। माना जाता है कि अवतार सिंह की मदद से ही अमृतपाल भारत में लगातार 37 दिनों तक छिपता रहा था। NIA ने खांडा और 3 अन्य अलगाववादियों को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए प्रदर्शन का मास्टरमाइंड माना था।
अमृतपाल सिंह 23 अप्रैल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। इससे पहले 4 मई को अमृतपाल की पत्नी किरणपाल कौर ने उससे मुलाकात की थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पति से जेल में मिलने के दौरान किरणदीप कौर के साथ अमृतपाल के सहयोगी दलजीत सिंह के परिवार के सदस्य भी थे। बता दें कि जलजीत सिंह कलसी भी इसी जेल में बंद है।
डिब्रूगढ़ जेल उत्तर-पूर्व की सबसे पुरानी जेलों में से एक है। 1860 में इसका निर्माण हुआ था और इसका निर्माण अंग्रेजी सरकार ने कराया था। इस जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता कैद रहे हैं।
इंडिया टीवी ने उस शख्स से बात की है जिससे अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले बात हुई थी। जत्थेदार जसबीर सिंह ने इंडिया टीवी के सामने अमृतपाल की गिरफ्तारी के बारे में कई खुलासे किए।
उनकी टिप्पणी पंजाब पुलिस द्वारा रविवार को तड़के मोगा के रोडे गांव से अलगाववादी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किए जाने के बाद आई है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही एक महीने से खालिस्तानी समर्थक की तलाश खत्म हो चुकी है।
यहां अमृतपाल सिंह के साथ कोई दूसरा शख्स भी बैठा हुआ है जो कुछ पेपरों के काम में लगा हुआ है। वहीं बगल में अमृतपाल भी बैठा हुआ है। बता दें कि 36 दिनों बाद अमृतपाल सिंह को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया है।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमृतपाल को ISI से अमृतपाल को जान का खतरा था और वह उसे मरवाना चाहती थी। सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल पंजाब से फरार होने के बाद पहले कुरुक्षेत्र और फिर दिल्ली पहुंचा था।
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख के खिलाफ एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सरकारी डोसियर की मानें तो भारत आने से पहले अमृतपाल ने एक साल तक ISI से ट्रेनिंग ली थी।
जानकारी सामने आई है कि जिस सफेद लग्जरी मर्सिडीज एसयूवी में अमृतपाल खुलेआम घूमता था वह उसे ड्रग माफिया ने दी थी जिसका नाम रावेल सिंह बताया जा रहा है।
पुलिस के शिकंजे के बाद अब अमृतपाल की पूरी क्राइम कुंडली सामने आई है। अमृतपाल के पंजाब से लेकर इंटरनेशनल लिंक का खुलासा हुआ है। साल 2022, फरवरी में दीप सिद्धू की मौत के बाद एस सिमरजीत सिंह मान ने अमृतपाल को 'वारिस पंजाब दे' का प्रेसिडेंट बनाया था।
भगोड़े अमृतपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले वह गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। वह प्रवचन में कह रहा है कि ये अंत नहीं शुरुआत है। देखें एक्सक्लूसिव वीडियो-
पंजाब पुलिस के सूत्रों की मानें तो अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को अब हिरासत में नहीं लिया गया है। हालांकि इमीग्रेशन विभाग द्वारा पूछताछ की जा रही है। ब्रिटेन की रहने वाली NRI किरणदीप कौर ने हाल ही में अमृतपाल से शादी की थी।
मोहाली के सेक्टर 89 में पुलिस ने छापेमारी के दौरान वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के 2 सहयोगियों को हिरासत में लिया है। इनकी पहचान गुरजंट सिंह और निशा रानी के रूप में हुई है।
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने बड़ा झटका दिया है और उसके मुख्य सहयोगी जोगा सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
अमृतसर से गिरफ्तार करने के बाद पापलप्रीत सिंह को असम की हाई-सिक्योरिटी डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है। अब तक अमृतपाल सिंह के आठ करीबी सहयोगियों को हाई-सिक्योरिटी वाली डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है। वहीं नेपाल पुलिस ने कहा कि वह अपने देश में अमृतपाल सिंह की संभावित एंट्री को लेकर अलर्ट पर है।
पपलप्रीत की गिरफ्तारी अमृतपाल केस के लिहाज से तो बड़ी है ही। साथ ही उसका संबंध ISI से भी जुड़ चुका है। इस लिहाज से भी पपलप्रीत की गिरफ्तारी को अहम माना जा रहा है।
अमृतपाल सिंह का करीबी पप्पलप्रीत सिंह पंजाब के होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया है। पंजाब के डीजीपी ने पहले ही ये बड़ी चेतावनी दी थी। जानिए क्या कहा था?
संपादक की पसंद