सकारात्मक वैश्विक संकेतों और जीएसटी पास होने के कारण एफपीआई ने चालू महीने के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में करीब 2,300 करोड़ रुपए डाले हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई महीने में भारतीय शेयर बाजारों में 12,600 करोड़ रुपए का निवेश किया। चार महीने में यह सर्वाधिक है।
सेबी के पास अप्रैल में 269 नए FPI ने पंजीकरण कराया। इससे निवेशकों के भारत की आर्थिक वृद्धि यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा का संकेत मिलता है।
आईओबी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को सरकार के हाल में पूंजी डालने से फायदा होगा क्योंकि उन्हें उनकी शेयर पूंजी के अनुपात में अधिक हिस्सेदारी मिली।
भारतीय पूंजी बाजार में भागीदारी नोट (पी-नोट) के जरिए निवेश जून के अंत तक 2.10 लाख करोड़ रुपए रहा जो करीब दो साल का न्यूनतम स्तर है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर बैंक के लिए वित्तीय मदद की घोषणा की है। 13 बैंकों के लिए 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी आवंटित की गई है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने चालू महीने के पहले दो सप्ताह में भारतीय पूंजी बाजार में 9,700 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
सर्किल रेट प्रॉपर्टी की वह न्यूनतम वैल्यूू होती है, जिसपर उसे नए मालिक के नाम पर रजिस्टर किया जाता है। इस रेट को राज्य सरकार तय करती है और समय-समय पर इसमें संशोधन करती है।
सूत्रों ने बताया कि कैपिटल इनफ्यूजन के प्रस्ताव को जल्द ही वित्त मंत्री अरुण जेटली से मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है।
भारत के पूंजी बाजार में भागीदारी नोट (पी-नोट) के जरिए निवेश मई महीने के अंत तक बढ़कर 2.15 लाख करोड़ रुपए हो गया।
सरकार ने पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए नई नीति को मंजूरी दी। इससे इस क्षेत्र में 2025 तक 2.10 करोड़ से अधिक रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित हो सकते हैं।
कैपिटल गेन टैक्स वह टैक्स है जो किसी कैपिटल असेट की बिक्री पर लगता है। ये असेट शेयर, सोना या प्रॉपर्टी कुछ भी हो सकता है।
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