भारत ने बुधवार 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंड करके इतिहास रच दिया। इस कारनामे के बाद पूरी दुनिया में भारत के चर्चे हो रहे हैं।
सीमा हैदर पर हिंदुस्तानी रंग पूरी तरीके से चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा था। शाम को जैसे ही चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई, सीमा हैदर ने परिवार के साथ खुशी का इजहार करते हुए जमकर आतिशबाजी की और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
अमित मालवीय ने कहा, 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने चंद्रमा मिशन को फास्ट ट्रैक पर रखा। चंद्रयान-2 को फंड किया और चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा। भारत द्वारा लॉन्च किए गए सभी चंद्रमा मिशनों की कल्पना भाजपा प्रधानमंत्रियों के तहत की गई थी।"
शुरुआती कारोबार में अधिकतर कंपनियों के शेयर अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च कर रहा है।
चांद पर चंद्रयान-3 से उतरा रोवर, लैंडर से निकलकर चांद पर रोवर की चहलकदमी
पूरा देश चंद्रयान-3 की सफलता के जश्न में डूबा हुआ है। चंद्रयान-3 की यह सफलता कई मायनों में अहम है। इस लेख में हम इसे विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने अपने बयान से अपनी फजीहत करवा ली। मंत्री के अजीबो-गरीब बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो को देखने के बाद यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।
अगले 13 दिनों तक प्रज्ञान लैंडर से 500 मीटर दूर तक चांद की सतह पर चलते हुए सारे परीक्षण करेगा और सारी जानकारी लैंडर के जरिए बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को मिलेगी।
चांद पर जब भारत के चंद्रयान 3 की सफलतापूर्व लैंडिंग हुई, तो पूरी दुनिया में भारत की तारीफ होने लगी। विदेशी मीडिया ने भी भारत की इस उपलब्धि पर अलग अलग रिएक्शन दिए। जानिए सऊदी अरब, पाकिस्तान, चीन से लेकर अन्य बड़े देशों ने किस तरह दिया रिएक्शन?
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चांद पर लैंडिंग के बाद लैंडर ने चंद्रमा की पहली तस्वीर भी भेज दी है। वहीं, प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से बाहर आकर चंद्रमा की जमीन पर पहुंच गया है। अब 14 दिनों तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर अलग-अलग लेवल पर रिसर्च करेंगे।
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई की दोपहर श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी। 40 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम करीब 6 बजे चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर लैंड किया।
चांद की सतह पर पहुंचने के बाद रोवर प्रज्ञान भी लैंडर विक्रम से बाहर आ चुका है। अब प्रज्ञान और विक्रम अगले 14 दिनों तक चांद के सतह की स्टडी करेंगे।
चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। भारत की इस सफलता पर दुनियाभर के नेताओं को इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।
भारतीय टीम ने 2019 वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार के साथ अपना सफर खत्म किया था। उसी साल चंद्रयान 2 की असफलता भी देश के हाथ लगी थी। वहीं अब साल 2023 में चंद्रयान 3 तो सफल हो गया अब नजरें हैं टीम इंडिया पर।
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरकर रिकॉर्ड बना दिया है। विक्रम लैंडर के चांद पर लैंड होने के समय दुनियाभर की निगाहें भारत और ISRO पर टिकी हुई थीं।
प्रज्ञान रोवर के पहिए चांद की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ रहे हैं। प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स हैं जिनमें पहला लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप। यह चांद की सतह पर मौजूद केमिकल्स की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा।
आज हिंदुस्तान के सुपरपावर बनने की मुनादी है. आज हिंदुस्तान ने वो कर दिया जो पूरी दुनिया कर ही नहीं पाई. अब हिंदुस्तान जो कहेगा उसे पूरी दुनिया सुनेगी, मानेगी. जिस तस्वीर का इंतज़ार आप कर रहे थे वो तस्वीर भी आ गई है.
Chandrayaan-3 Landing: चाँद की सतह पर कैसे होगा विक्रम लैंड़, 1 घंटे बाद भारत को क्या दिखेगा ?
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