कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच जंग अब तेज हो गई है। हाईकमान ने डीके के दबाव के बाद हस्तक्षेप शुरू किया है, जिससे उनके समर्थक उत्साहित हैं। 29 नवंबर को दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया जा सकता है, जहां अंतिम फैसला होने की संभावना है।
कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया और DK शिवकुमार के बीच खींचतान जारी है। इस बीच कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हो गया है। पार्टी DK शिवकुमार और सिद्धारमैया को दिल्ली बुला सकती है।
अब डीके शिवकुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सीएम सिद्धारमैया पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है और जुबान का पक्का होने की याद दिलाई।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच द्वंद्व की स्थिति बनी हुई है। क्या है मामला और कैसे किया गया गुप्त सौदा? जानें सबकुछ 10 प्वाइंट्स में...
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी को शर्मिंदा या कमजोर नहीं करना चाहते। सीएम पद को लेकर चल रही अटकलों पर उन्होंने कहा कि फैसला कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच का मामला है। शिवकुमार ने अपने जेल के दिनों और जनता के समर्थन को याद करते हुए भावुक प्रतिक्रिया दी।
राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष तेज हो गया है। 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के ढाई साल पूरा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित ‘‘सत्ता साझेदारी’’ समझौते का दावा किया जा रहा है
कर्नाटक कांग्रेस के अंदर इन दिनों सीएम पद को लेकर मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी राज्य में बदलाव पर विचार कर रही है। सिद्धारमैया को हटाने के पक्ष और विपक्ष दोनों पर ही विचार किया जा रहा है।
कर्नाटक में CM पद को लेकर डीके शिवकुमार गुट और सिद्धारमैया गुट में रस्साकशी जोरों पर है। जानकारी के मुताबिक, DK शिवकुमार ने विधायकों का नया जत्था दिल्ली भेजा है।
कर्नाटक कांग्रेस के अंदर बगावत के सुर नजर आने लगे हैं। डीके शिवकुमार की सीएम बनने की इच्छा और सिद्धारमैया की पद ना छोड़ने की जिद के बीच अब फैसला लेने की जिम्मेदारी कांग्रेस के आलाकमान पर आ गई है।
कर्नाटक में सीएम बदलने की चर्चा जोरों पर है। सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार के बयानों से कर्नाटक कांग्रेस में हलचल तेज है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी बेंगलुरु पहुंचे हुए हैं।
कर्नाटक में सियासी घमासान अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम सिद्धामरमैया ने आज बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि मैं होऊं या डीके शिवकुमार, सबको आलाकमान की बात माननी ही होगी। जानें और क्या कहा?
कर्नाटक में सियासी हलचल तेज है। सीएम की कुर्सी को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सिद्धारमैया ने कह दिया है कि वो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इसपर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने उन्हें बधाई दी है। जानें क्या चल रहा है?
कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को लेकर सियासी हलचल तेज है। लेकिन एक बार फिर से सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अपना अपना बयान दिया है। जानें दोनों ने क्या कहा?
Karnataka Congress Infighting: कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के ढाई साल पूरे होने पर डीके शिवकुमार का सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है, तो क्या सचमुच कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है।
कर्नाटक में एक बार फिर से डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की मांग तेज होने लगी है। उनके समर्थक विधायक इस मांग को लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। ऐसे में सिद्धारमैया की कुर्सी फिर से खतरे में नजर आ रही है।
सत्ता परिवर्तन की तमाम अटकलों के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा है कि वह इस्तीफे की धमकी देकर ब्लैकमेल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस को ब्लैकमेल करने वाला नहीं हूं। मैंने इस पार्टी को खड़ा किया है।"
कर्नाटक कांग्रेस के दोनों प्रभावशाली नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उनसे चर्चा की।
कर्नाटक सरकार की कैबिनेट में नवंबर महीने में फेरबदल होने की सुगबुगाहट है। ऐसे में चर्चा ये भी है कि राज्य में सीएम भी बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री बदले जाने के सवाल पर सीएम सिद्धारमैया एक पत्रकार पर ही भड़क गए।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सीएम से बात करेंगे। बता दें कि सीएम ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत दिए थे।
सीएम सिद्धारमैया के बेटे ने कहा कि उनके पिता अपने राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव में हैं। कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच उनके इस बयान को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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