मुख्यमंत्री पद के लिए कई दिनों तक चली गहमागहमी के बाद अब कांग्रेस आलाकमान को राज्य सरकार में मंत्रियों के विभागों के बटवारे का मामला सुलझाना है। इस मसले पर भी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच विवाद बना हुआ है।
कर्नाटक में सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 20 मई को आठ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, इन मंत्रियों को अभी विभागों का आवंटन नहीं किया गया है।
वरिष्ठ लिंगायत नेता एमबी पाटिल ने सोमवार को मैसुरू के प्रसिद्ध सुत्तूर मठ के महंत से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया है।
बीजेपी पर भ्रष्टाचार से विधान सौधा को प्रदूषित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद विधान सौधा को गोमूत्र से शुद्ध करने का वादा किया था।
सिद्धारमैया ने कर्नाटक के CM पद की शपथ ले ली है। उन्हें दूसरी बार राज्य की कमान मिली है। इस दौरान मंच पर राहुल और प्रियंका गांधी मौजूद रहे। सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से समारोह में नहीं पहुंचीं।
सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में करीब 19 विपक्षी पार्टियों के 20 नेताओं को न्योता भेजा गया है, जबकि 10 पार्टियों से दूरी बनाई है, जिसमें आदमी पार्टी (AAP), बीआरएस भी शामिल है।
कल दोपहर साढ़े 12 बजे बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में सिद्धारमैया सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया समेत 21 विधायक कल मंत्रीपद की शपथ ले सकते हैं।
शुक्रवार शाम 7 बजे बेंगलुरू में विधायक दल की बैठक होने वाली है, जिसमें औपचारिक तौर पर सिद्धारमैया को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद गवर्नर से मिलकर कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और 20 मई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा।
कर्नाटक सीएम का फैसला कांग्रेस हाईकमान के लिए बहुत मुश्किल भरा था। हाईकमान के फैसले के बाद अब बेंगलुरु में सिद्धारमैया खेमें में जहां जश्न है वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को चार दिनों की रस्सा कस्सी के बाद हाईकमान के आगे सरेंडर करना पड़ा।
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक सीएम पद के लिए कांग्रेस के अंदर चले घमासान पर कटाक्ष करते हुए इसके लिए गांधी परिवार खासतौर पर सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से जीत मिली लेकिन 5 दिनों तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बेंगलुरु से दिल्ली तक खींचतान चलती रही। अब सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लग गई है जिसके बाद बेंगलुरु में जश्न की तैयारी शुरू हो गई है।
दक्षिण का दुर्ग फतह करने के बाद अपने ही नेताओं के बीच सीएम की कुर्सी के लिए खींचतान में उलझी कांग्रेस ने आखिरकार डीके शिवकुमार की मेहनत के आगे सिद्धारमैया के अनुभव को तव्वजो दी।
कर्नाटक का सीएम कौन होगा-ये बुधवार को भी तय नहीं हो सका है। हालांकि 48 घंटे के भीतर सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा और 72 घंटे के भीतर पहली कैबिनेट की बैठक भी होगी, ऐसा कहा जा रहा है। इंतजार जारी है।
कर्नाटक में सीएम कौन हो-इसे लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। इस बीच सीएम पद के दावेदार डीके शिवकुमार ने कांग्रेस प्रमुख और राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि खरगे को ही सीएम बनना चाहिए।
राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि BJP और JDS ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।
कर्नाटक में सिद्धारमैया का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हो चुका है, उन्हें बता दिया गया है। ऐलान में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि डीके शिवकुमार डिप्टी CM बनने के लिए राजी नहीं हैं।
कर्नाटक के सीएम को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे आज फिर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार से मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी परेशानी ये है कि शिवकुमार टस से मस होने को तैयार नहीं है।
कर्नाटक का सीएम कौन होगा- मंगलवार को भी इसका फैसला नहीं हो सका। सीएम पद के दोनों दावेदारों-सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने बारी-बारी से कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मुलाकात की।
सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है। खरगे और डीके शिवकुमार ने मुलाकात की है और कहा जा रहा है कि बैठक में शिवकुमार ने रोटेशनल सीएम वाले फॉर्मूले को नकार दिया है।
कर्नाटक में मिली जीत के बावजूद अबतक मुख्यमंत्री के नाम का फैसला नहीं हो सका है। बुधवार को संभावना है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नाम पर कांग्रेस प्रमुख मुहर लगा सकते हैं। जानिए
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