2014 में निवेशकों को मालामाल करने वाले शेयर बाजार ने इस निराश किया है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 शेयर बाजार के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा।
विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजार के प्रति कम हुआ है। 2015 में देश में एफपीआई का निवेश घटकर तीन अरब डॉलर से नीचे रहा।
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