भारतीय सेना और भी घातक होने जा रही है। अमेरिका ने हाल ही में जैवलिन मिसाइल सिस्टम और एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल्स की बिक्री भारत को करने के लिए मंजूरी दे दी है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जुलाई के आखिर में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए जुर्माने के रूप में भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था।
22 लाख टन एलपीजी भारत के सालाना एलपीजी आयात का लगभग 10 प्रतिशत है और ये भारतीय बाजार के लिए पहला ऐसा अमेरिकी एलपीजी कॉन्ट्रैक्ट है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नई हलचल देखी जा रही है। ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिया है कि भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को “किसी दिन” कम किया जा सकता है। इस बयान के बाद भारत में उत्साह तो बढ़ा है, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे ट्रंप की एक और राजनीतिक रणनीति मान रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की यात्रा पर आने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महान व्यक्ति हैं और मैं भारत जाऊंगा।
भारत के लिए अमेरिका से आई यह खबर किसी झटके से कम नहीं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मई से सितंबर 2025 के बीच अमेरिका को भारत का एक्सपोर्ट 37.5% तक लुढ़क गया है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। खबर है कि दोनों देशों के बीच होने वाले आगामी ट्रेड डील में भारतीय निर्यातपर लगने वाला भारी अमेरिकी टैरिफ 50% से घटाकर 15-16% तक किया जा सकता है।
पीयूष गोयल ने बताया कि हमने पिछले तीन वर्षों में कई विकसित देशों के साथ FTA किए हैं। फिलहाल भारतीय सरकारी टीम वॉशिंगटन में है और 17 अक्टूबर तक अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ निर्णायक व्यापार वार्ताओं में हिस्सा ले रही है।
अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए टैरिफ के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को लेकर कोशिशें जारी हैं। दोनों देशों के प्रतिनिधि लगातार इसे आगे ले जाने की कोशिश में लगे हैं।
अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पीएम मोदी को अपना "बहुत अच्छा दोस्त" मानते हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा हुई।
सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध किया है कि वे इस नीति पर पुनर्विचार करें और भारत के खिलाफ लगाए गए शुल्कों को वापस लें, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को एक नई दिशा मिल सके। उनका कहना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच पारस्परिक समझ और सहयोग को बढ़ावा देगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, "दोनों पक्षों ने समझौते की संभावित रूपरेखा पर विचारों का आदान-प्रदान किया और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखने का फैसला लिया गया।"
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया, भले ही भारत अमेरिका का करीबी साझेदार है। रुबियो ने भारत के साथ संबंधों की मजबूती और बातचीत जारी रखने पर जोर दिया।
भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर शशि थरूर ने कहा कि भले ही अल्पकालिक झटका लगा हो, लेकिन दोनों देशों के दीर्घकालिक हित अंततः उन्हें एक समान स्तर पर लाएंगे।
भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों एस. जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई, जहां दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। दोनों देशों के बीच विशेष रूप से क्वाड, व्यापार, रक्षा, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों का एक दल 16 सितंबर, 2025 को भारत आया था।
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने हाल में हुए डेवलपमेंट को देखते हुए यह उम्मीद जाहिर की है। द्विपक्षीय टैरिफ विवाद की वजह से कई भारतीय उत्पादों पर कुल मिलाकर 50% तक शुल्क लग रहा है।
वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने किया।
भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने भारत को अपने पाले में करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता करार दिया है। उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को सुधारने और उसे चीन से दूर करने को अपना मुख्य मकसद बताया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत पहले ही मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते कर चुका है।
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