ख़रीफ फसलों का कुल रकबा मामूली रूप से बढ़कर 979.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 972.58 लाख हेक्टेयर था।
Kharif Crops: रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में मक्का उत्पादन सालाना आधार पर 1 फीसदी बढ़कर 21।95 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय इस साल खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 15 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद कर रहा है, जो फसल वर्ष 2020-21 के इसी सत्र में हासिल किए गए 14 करोड़ 95 लाख टन से अधिक है।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दे दी है।
सरकार ने प्याज की नियमित रूप से बड़े पैमाने पर खेती नहीं करने वाले राज्यों से ही प्याज का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
1.7 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर कुल 20,37,634 टन धान की खरीद की गई है, पूरी खऱीद 3,847.05 करोड़ रुपये में की गई है। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) के लिए 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
अच्छी बारिश तथा बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम रखने के कारण महामारी की स्थिति के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है।
खरीफ सत्र 2020 में बुवाई का रकबा दो से तीन प्रतिशत बढ़कर 10.9 करोड़ हेक्टेयर होने से कृषि उत्पादन में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त उत्पादकता भी दो से तीन प्रतिशत बढ़ने से, बम्पर खरीफ उत्पादन होने के आसार
इस सीजन में सभी फसलों की बुवाई का औसत रकबा 1,066.44 लाख हेक्टेयर होता है, जिसका 95.23 प्रतिशत रकबा हो चुका है और अभी कई फसलों की बुवाई जारी है।
धान की रोपाई का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले 17 प्रतिशत बढ़ा
चालू खरीफ सीजन में अब तक 692 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई
सरकार ने मई में मछुआरों और पशुपालन उद्योग से जुड़े कृषक समेत 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 2 लाख करोड़ रुपए का रियायती कर्ज देने की घोषणा की थी।
नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (एनबीएचसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस बार 84 प्रतिशत इलाकों में मानसून सामान्य या सामान्य से अधिक रहा है।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई चालू सीजन में पिछले साल से तकरीबन 9 फीसदी पिछड़ी हुई है।
फसल वर्ष 2019-20 के लिए तुअर, मूंग और उड़द दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य भी क्रमश: 215 रुपए, 75 रुपए और 100 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए गए हैं।
मजबूत वैश्विक रुख के बीच स्थानीय आभूषण कारोबारियों के लिवाली बढ़ाने से दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना 210 रुपए उछलकर 31,570 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी पर अभी भी दबाव बना हुआ है और यह फिसलकर 40,000 रुपए के स्तर से नीचे आ गयी।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की कल होने वाली बैठक में खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य को मंजूरी दी जा सकती है। ऐसी संभावना है कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा।
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