महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सोमवार को जहां इसे लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी नेता के घर में आग लगा दी। इस आरक्षण के समर्थन में शिंदे गुट के दो सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए।
महाराष्ट्र में जारी मराठा आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। यहां आंदोलनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के विधायक के घर को आग के हवाले कर दिया। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस अधिकारियों और जिलाधिकारियों संग बैठक की।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ED ने नोटिस भेजा है और 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। ये पूछताछ दिल्ली की नई शराब नीति मामले में होगी। इससे पहले सीबीआई भी केजरीवाल से पूछताछ कर चुकी है।
एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ और उसमें आग लगाने की घटना के बाद अब भाजपा विधायक प्रशांत बंब के दफ्तर में भी तोड़फोड़ हुई है। मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से उग्र होता जा रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। अब यह आंदोलन हिंसक होते जा रहे हैं। इसी दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच तेली समुदाय को डर सता रहा है कि कहीं ओबीसी के कोटे से मराठों को आरक्षण न दिया जाए। इस बाबत तेली महासंघ ने बैठक का आयोजन किया।
मराठा समुदाय को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'अजित दादा ने क्या कहा इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन ओबीसी गणना में सरकार की भूमिका पहले ही स्पष्ट हो चुकी है।'
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मसला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। कई दौर की बैठकों और मुलाकातों के बाद भी मामला टस से मस नहीं हुआ है।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल के अल्टीमेटम के बाद ओबीसी वर्ग और राजनीतिक गलियारों में हडकंप मच गया है। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने आज मुंबई में अपने ओबीसी विंग की बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 17 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे को आखिरकार महाराष्ट्र सरकार ने मना लिया है। उन्होंने अनशन तोड़ दिया है।
मराठा आरक्षण को लेकर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तब मराठा आरक्षण को लेकर दोनों के बीच की एक छोटी सी बातचीत लीक हो गई।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासत चरम पर है। आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने हड़ताल खत्म करने का एलान किया है लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को साबित कर उन्हें आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र में मराठा समाज द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध तेज होता जा रहा है। राज्य सरकार और मराठा समाज के नेताओं के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण पर काम कर रही है और मराठाओं को आरक्षण देगी। वहीं, जालना लाठीचार्ज में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई भी होगी।
महाराष्ट्र सरकार को मनोज नाम के एक शख्स ने हिला कर रख दिया है. कहा जा रहा है महाराष्ट्र को नया मंडल मिला है. अन्ना हजारे और बाबा आमटे ने मराठवाड़ा में जैसे नया अवतार लिया है
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक होने के बाद सूबे में सियासी पारा भी गरम हो गया है।
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर अड़े मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि सरकार का सम्मान रखते हुए मैंने पानी पीया था, लेकिन आज शाम तक जीआर नहीं मिला, तो पानी छोड़ दूंगा।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस 2018 में क़ानून बनाया गया, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उसे मान्यता दी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां 2020 में स्टे लग गया और मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण कैंसल कर दिया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़