Saturday, April 27, 2024
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फिर शुरू होगा मराठा आरक्षण का आंदोलन? जरांगे ने सरकार पर बयान बदलने का आरोप लगाया

मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार ने पहले ही कहा था कि वह अंतरवाली सराटी में हुई घटना से संबंधित मामले वापस ले लेगी। मगर उन्होंने वहां लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, कुछ ऐसी चीजें हुई हैं जिस कारण बैठक को पहले ही बुलाना पड़ रहा है।

Subhash Kumar Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: December 14, 2023 23:18 IST
जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार पर लगाए आरोप।- India TV Hindi
Image Source : ANI/PTI जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार पर लगाए आरोप।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा सकता है। मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य सरकार पर अपने बयान बदलने का आरोप लगाया है। जरांगे ने कहा कि सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अपने बयान बदल दिए हैं। इसलिए वह मराठा समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ 17 दिसंबर को एक बैठक करेंगे ताकि यह तय किया जा सके कि अपने आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए।

इस दिन तक की समयसीमा

मनोज जरांगे ने मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सरकार को 24 दिसंबर तक की समयसीमा दी है। बता दें कि जरांगे अभी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में एक बैठक होगी। बैठक में इस बात पर निर्णय लिया जाएगा कि मराठा आरक्षण आंदोलन को आगे कैसे ले जाना है। जरांगे ने कहा कि वह पहले 24 दिसंबर को बैठक करने वाले थे लेकिन कुछ ऐसी चीजें हुई हैं जिस कारण बैठक को पहले ही बुलाना पड़ रहा है। इस दौरान जरांगे ने छगन भुजबल पर भी निशाना साधा है।

क्या है जरांगे का आरोप?

मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार ने पहले ही कहा था कि वह अंतरवाली सराटी में हुई घटना से संबंधित मामले वापस ले लेगी। मगर उन्होंने वहां लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जरांगे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल की बात सुनने के बाद सरकार ने मराठा आरक्षण पर अपना बयान बदल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें मराठा आरक्षण के बारे में भी लिखित में नहीं दिया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छगन भुजबल ने आरोप लगाया था कि मराठा आरक्षण के लिए जारी आंदोलन के बीच उन्हें पिछले दो महीनों से अपशब्द कहे जा रहे हैं और धमकियां मिल रही हैं। भुजबल ने ये भी कहा था कि पुलिस को जानकारी मिली है कि उनकी गोली मारकर हत्या की जा सकती है।

हिंसक हो गया था आंदोलन

बीते 1 सितंबर को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण के लिए आयोजित प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग घायल हो गए थे। इसके कुछ ही दिनों बाद सरकार की ओर से आरक्षण को लेकर आश्वसन देने के बाद भी एक बार फिर से राज्य में भारी हिंसा देखी गई थी। इस हिंसा में कई विधायकों के घरों और दफ्तरों में आग लगा दी गई थी। (इनपुट: भाषा)

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