सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार केरल तट और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर में बादल छाए हुए हैं। इसलिए, अगले दो से तीन दिनों के दौरान केरल में मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
आज मौसम में नमी बढ़ गई है और राजकोट, वेरावल, भुज, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में आसमान में बादल दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले, मौसम विभाग ने पांच दिन पहले 27 मई तक केरल में मॉनसून के शुरूआत की भविष्यवाणी की थी। आम तौर पर केरल में एक जून को मॉनसून पहुंचता है।
देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां रविवार को कई इलाकों में तापमान 49.2 डिग्री तक गया। वहीं यूपी के बांदा में भी तापमान 49 डिग्री रहा, जिसकी वजह से लोग परेशान दिखे।
भारत के उत्तरी भाग, मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
स्काईमेट अप्रैल महीने में मॉनसून 2022 की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा। स्काईमेट संपूर्ण मॉनसून पूर्वानुमान के लिए प्रासंगिक आंकड़े एकत्रित करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर बालाजी नरसिम्हन का कहना है कि निश्चित तौर पर यह असामान्य अक्टूबर था। उन्होंने इसके लिए अवसंरचनात्मक चुनौतियों और बेरोकटोक हो रहे विकास कार्यों को जिम्मेदार ठहराया। नरसिम्हन ने 2105 में चेन्नई में आई बाढ़ का भी अध्ययन किया था।
देश में कुछ जगह टमाटर की खुदरा कीमतें तीन गुना से ज्यादा बढ़ गयी हैं। वहीं प्याज की कीमत भी दोगुना हो गई हैं। जानकारों की माने तों बारिश से फसलों पर असर पड़ा है जिससे कीमतें बढ़ी हैं
सरकार के मुताबिक कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और बारिश की वजह से देश की कोयला खदानों में कामकाज पर असर से बिजली उत्पादन घटा है, लेकिन उम्मीद है कि यह स्थिति 3-4 दिन में ठीक हो जायेगी।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के मध्य प्रदेश से अगले दो से तीन दिनों में पूरी तरह से विदा होने की संभावना है। सामान्य तौर पर मानसून मध्य प्रदेश से 30 सितंबर के आसपास विदा होता है, जो इस बार 10-12 दिन देर से विदा हो रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है।
मौसम विभाग के मुताबिक, संभावित निम्न दबाव क्षेत्र के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण पांच से सात सितंबर के बीच दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
पिछले दिनों हुई बारिश ने दिल्ली के लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत दी थी, लेकिन आने वाले दिनों में एक बार फिर पारे के चढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
मौसम विभाग ने अनुमान दिया है कि अगस्त और सितंबर के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य के 95 प्रतिशत से 105 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
टमाटर का जूस पीने से न सिर्फ इम्यून सिस्टम मजबूत होगा बल्कि डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
बरसात के मौसम में बहुत से लोगों को त्वचा से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इन्हीं में से एक है खुजली। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो ये घरेलू नुस्खे आपके काम आ सकते हैं।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है जो चार महीने के मानसून का उत्तरार्द्ध है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि जुलाई में सामान्य से सात प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई।
मच्छरों के काटने से आप कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। इनमें से एक बीमारी है डेंगू। जानिए डेंगू कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए आप क्या उपाय अपना सकते हैं ये भी जानें।
बरसात के मौसम में फल और सब्जियों में सबसे ज्यादा इंफेक्शन होने का खतरा होता है इसलिए इसे खाने से पहले जरूर जाने की ये आपके सेहत के लिए ठीक है या नहीं।
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