इजरायल की सेना ने वेस्ट बैंक में जबरदस्त धावा बोलते हुए फलस्तीनी दुश्मनों की पौबारह कर दी है। इजरायल सेना ने तीन फलस्तीनी बंदूकधारियों को मार गिराने का दावा किया है। इजरायल और फलस्तीन में लंबे समय से संघर्ष चला आ रहा है।
पाकिस्तान समेत 22 देश इजरायल को राष्ट्र के तौर पर मान्यता नहीं देते। इनमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, ईराक, बांग्लादेश जैसे ज्यादातर मुस्लिम देश हैं। दरअसल इजरायल यहूदियों का देश है। येरुशलम, गाजापट्टी और वेस्ट बैंक को लेकर इजरायल और फिलिस्तीन में विवाद है। दोनों देश 14 मई 1948 को अलग-अलग राष्ट्र बने थे।
इजरायल ने अचानक वेस्ट बैंक से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। पिछले कई दिनों से इजरायली सैनिक वेस्ट बैंक में अभियान चला रहे थे। यहां तीन दिनों में 13 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजरायल और फिलिस्तीन में पुरानी दुश्मनी है।
इजरायल की बस्तियों पर फलस्तीनी उग्रवादियों की ओर से सिलसिलेवार हमलों के बाद इजरायल पर इन हमलों का कड़ा जवाब देने के लिए काफी दबाव था। इसी बीच इजरायल ने खतरनाक तरीके से ड्रोन अटैक किए।
इजरायली सेना के ड्रोन हमले में पांच फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजरायल सेना वेस्ट बैंक में लगातार सर्च अभियान चला रही है। ड्रोन अटैक भी वेस्ट बैंक की बस्तियों पर किया गया था। इजरायल की सेना को शक है कि वेस्ट बैंक में हथियारबंद फिलिस्तीनी छुपे हो सकते हैं। सेना हथियार जब्दी करना चाहती है।
इजरायल और फलस्तीन के बीच में तनाव ज्यादा बढ़ जाने और हाल के समय में हमलों की संख्या बढ़ने पर यूएन ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ‘यूएनएससी‘ ने इज़राइल और फलस्तीन से ऐसे कृत्यों को रोकने की अपील की है।
इजरायल और फस्तीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायली लोगों ने फलस्तीनियों से बदला लेने के लिए खौफनाक घटना को अंजाम दिया और उन्होंने फलस्तीनी लोगों के घरों और गाड़ियों में आग लगा दी। इस घटना से फलस्तीनी बस्तियों में भगदड़ मच गई।
फिलिस्तीन वेस्ट बैंक के जेनिन में गोलीबारी में तीन फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। वेस्ट बैंक के जेनिन शहर की सड़कों पर चरमपंथियों के साथ भीषण संघर्ष हुआ।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक फैसले ने फिर से फिलिस्तीनियों के साथ तनाव को बढ़ा दिया है। फिलिस्तीन ने इजराइल के उस फैसले की निंदा की है, जिसमें यहूदी लोगों को 18 साल पहले खाली कराई गई इजराइली बस्ती में वापस जाने की अनुमति दी गई है।
गाजा पट्टी में दोनों पक्षों के बीच रविवार को संघर्ष विराम लागू होता प्रतीत हुआ। इस हिंसा में फिलिस्तीन के 33 और इजराइल के 2 लोगों की मौत हुई है।
फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोनों की पहचान 32 वर्षीय सैद मेशा और 19 वर्षीय अदनान अरज के तौर पर की है। छापेमारी में कम से कम तीन अन्य फिलिस्तीनी घायल हो गए।
गाजा में इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकियों के बीच पिछले कुछ महीनों में यह सबसे भीषण लड़ाई साबित हुई है। इजराइली सेना ने गुरुवार तड़के आतंकवादी समूह ‘इस्लामिक जिहाद’ के खिलाफ हमले किए।
घटना के बारे में बताते हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि गाजा शहर में एक अपार्टमेंट की सबसे ऊपरी मंजिल और दक्षिणी शहर राफा में एक घर में ब्लास्ट हुआ था।
इजराइल की तरफ से कुछ ऐसी प्रतिक्रिया आई जिससे पता चलता है कि उसे चीन की पेशकश कुछ खास पसंद नहीं आई है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार देर रात अपने मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की बैठक बुलायी और सेना ने गाजा में हमास से संबंधित चार स्थलों पर हमला किया। हालांकि, इसके तुरंत बाद ही गाजा में फलस्तीनी आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल में रॉकेट दागना शुरू कर दिया।
बाइडन प्रशासन के साथ बातचीत में इजरायल से रिश्ते सामान्य करने के लिए सऊदी अरब जो शर्त अमेरिका के समक्ष रख रहा है, उनमें परमाणु कार्यक्रम शुरू करने की मांग भी है। यदि अमेरिका इस पर एग्री हो जाए तो मिडिल ईस्ट की राजनीतिक में बड़ा परिवर्तन आ जाएगा।
वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों के धावे में 10 फलस्तीनियों की मौत हो गई है। जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इस घटना के बाद हमास चरमपंथियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हमास चरमपंथी समहू ने कहा है कि अब धैर्य जवाब दे रहा है। आपको बता दें कि इजराइली सैनिकों ने वेस्ट बैंक में एक बड़े फलस्तीनी शहर में प्रवेश किया।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई कर 13 वर्षीय हमलावर को हिरासत में ले लिया और उसे घायल दशा में अस्पताल ले जाया गया। हमलावर की स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।
इस घटनाकांड के बाद गाजा में फलस्तीनी लोगों ने इस हमले का जश्न मनाया। माना जा रहा है कि इस गोलीकांड के बाद इजरायल की सरकार बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
हाल में फिर से बेंजामिन नेतन्याहू के देश की सत्ता संभालने के बाद सामने आया यह संघर्ष उनकी धुर दक्षिणपंथी सरकार के लिये भी चुनौती है। नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार ने फिलिस्तीन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकल्प लिया है।
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