मोदी ने एक बार फिर कहा कि कानून लागू हुए 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन न मंडियां खत्म हुईं, न MSP बंद हुई और न ही कॉरपोरेट ने किसी किसान की जमीन पर जबरन कब्जा किया।
जो लोग मोदी को करीब से नहीं जानते उन्हें मंगलवार को मोदी की आंखों में आंसू देखकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन मैं अच्छे से जानता हूं कि मोदी ऊपर से जितने सख्त दिखते हैं, दिल के उतने ही नरम हैं।
पीएम मोदी ने कहा उनकी सरकार जो कर रही है वह छोटे किसानों के हित में हैं। इससे छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
एक बात तो बिल्कुल साफ है कि किसान आंदोलन के नेताओं ने देश की जनता का विश्वास खो दिया है। देश के अधिकांश लोग आहत हैं।
पिछले दो महीनों से मैं ये लगातार कह रहा हूं कि किसानों के आंदोलन में असामाजिक तत्वों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने घुसपैठ की है।
इतिहास गवाह है कि आंदोलन कितना भी बड़ा हो, कितना भी उग्र हो, रास्ता बातचीत से ही निकलता है।
लोकतंत्र में रास्ता बातचीत से ही निकलता है इसलिए बातचीत का रास्ता बंद न हो ये सुनिश्चित करना चाहिए। किसान संगठनों को सरकार के प्रस्ताव पर एक बार फिर से सोचना चाहिए।
नये अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन पहले ही भारत-अमेरिका संबंधों को 'एक द्विपक्षीय सफलता की कहानी' बता चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि अमेरिका भारत के बारे में अपनी नीतियों में निरंतरता बनाए रखेगा।
युवा भारतीय टीम ने इतिहास बदलकर रख दिया और अविश्वसनीय धैर्य एवं दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए नए कीर्तिमान स्थापित किए।
किसानों ने साफ कह दिया कि वे सरकार से बात करने आए हैं और आगे भी आएंगे, लेकिन बात तभी बनेगी जब सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले लेगी।
डब्ल्यूएचओ टीम ऐसे वक्त में चीन पहुंची है जब वहां बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के ताजा मामले आने पर कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है।
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया हमारे वैज्ञानिकों पर, हमारे डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों पर यकीन कर रही है, तो हमारे देश के कुछ अपने लोग स्वदेशी वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
देश कानून से चलता है, संविधान से चलता है, संसद से चलता है, सुप्रीम कोर्ट से चलता है और अगर कोई इनमें से किसी की भी बात नहीं सुनेगा तो फिर अराजकता पैदा हो जाएगी।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह की तुलना करते हुए प्रणब मुखर्जी ने एक अनुभवी राजनेता के तौर पर एक बड़ी बात लिखी है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारिय़ों का पूरा डेटाबेस Co-WIN पर पहले ही अपलोड किया जा चुका है और इन लोगों को वैक्सीन के लिए अपना पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं है।
कंट्रोलर जनरल वी जी सोमानी ने कहा कि दोनों दवा कंपनियों ने अपने ट्रायल रन का डेटा जमा कर दिया है और दोनों को परमिशन दे दी गई है।
इस समय जरूरत इस बात की है कि खुद भी सावधान रहें और दूसरों को भी सावधान करें। कोरोना वायरस के गाइडलाइंस का पालन करें और सुरक्षित रहें। नया साल एक नई उम्मीद लेकर आया है।
यह वास्तव में काफी चौंकाने वाला है कि पुलिस ने परिवार द्वारा कोर्ट से हासिल किए गए स्टे ऑर्डर की कॉपी भी देखने का इंतजार नहीं किया और उन्हें जमीन से तुरंत बेदखल करने पर जोर दिया।
पंजाब के कई ऐसे किसानों ने मुझे वीडियो भेजे हैं, जो यह बताना चाहते थे कि किसानों के आंदोलन के नाम पर वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा गांवों में किस तरह से फर्जी प्रचार किया जा रहा है।
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