गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए उपद्रव और हिंसा की घटनाओं के बाद किसान आंदोलन की तस्वीर हर दिन के साथ बदल रही है, इसके साथ ही इस आंदोलन के समीकरण भी बदल रहे हैं ।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर राजनीतिक दलों के नेताओं का पहुंचना जारी है।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को लेकर टिकैत और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
किसानों के लोकप्रिय नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे नरेश टिकैत, शक्तिशाली बलियान खाप के प्रमुख हैं और छोटे बेटे, राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता हैं।
एक बात तो बिल्कुल साफ है कि किसान आंदोलन के नेताओं ने देश की जनता का विश्वास खो दिया है। देश के अधिकांश लोग आहत हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को वाजिब तथा उन्हें बदनाम करने की कोशिश को पूरी तरह गलत करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी आम आदमी पार्टी किसानों के जारी प्रदर्शन का पूरा समर्थन करती है।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। रात भर गहमागहमी का दौर जारी रहा। उधर शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत ने पंचायत का आयोजन किया है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुँह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों को समर्थन देने की घोषणा की, जिसके सदस्य दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। यहां वह भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे।
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