भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का 'चक्का जाम' होगा। यह दिल्ली में नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 6 फरवरी को तीन घंटे का 'चक्का जाम' होगा। यह दिल्ली में नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर हर जगह होगा।
मोदी सरकार के कृषि सुधार पर चल रही तकरार के बीच उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत का कद बढ़ गया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता देश में किसानों के सबसे बड़े नेता के रूप में उभर रहे हैं।
करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में बुधवार को जींद के कंडेला गांव में हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
रियाणा के जींद में आज हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। जींद के कंडेला गांव में हुई इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में यह मांग की गई।
किसान नेता राकेश टिकैत आज जींद में आयोजित की गई महापंचायत में पहुंचे थे। वहां जिस मंच पर वो बैठे थे, वो गिरा पड़ा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में बुधवार को हरियाणा के जींद जिले में किसानों की महापंचायत में शामिल होंगे। सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रमुख टेकराम कंडेला ने मंगलवार को बताया कि कार्यक्रम के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पॉलिटिकल टूरिज्म लगातार जारी है। आज शिवसेना नेता संजय राउत यहां पहुंचे और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात बेहद गर्मजोशी से हुई।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को सोमवार को किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी।
BKU नेता नरेश टिकैत ने रविवार को बीजेपी सरकार को उत्तर प्रदेश या हरियाणा के किसी भी मैदान में शक्ति प्रदर्शन की चुनौती दी थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि यह आंदोलन सिर्फ तीन क़ानूनों की वापसी का ही नहीं है, यह किसानों को गन्ने के रेट का भी आंदोलन है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से किसानों के समर्थन में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने की अपील के दो दिनों बाद पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत को सम्मानित किया।
जब भी कोई आंदोलन अपने उद्देश्य से भटकता है या असामाजिक तत्वों द्वारा अपहृत किया जाता है, तो विपक्ष ऐसी स्थिति का फायदा उठाता है।
बैरिकेड्स की बढ़ती संख्या के बावजूद, बीकेयू नेता राकेश टिकैत के समर्थन में हजारों किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में जुटे हुए हैं।
मदन भैया ने ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर किसान पिछले दो महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कड़ाके की ठंड का सामना करके कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
राकेश टिकैट ने दिल्ली पुलिस में एक हेड कांस्टेबल के रूप में काम किया है। लेकिन उन्होंने 1992-93 में तब बल छोड़ दिया था जब उन्हें अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व वाले किसान आंदोलन से निपटना पड़ा था।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बातचीत का प्रस्ताव दिए जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की अगर कोई मजबूरी है, तो वह उन्हें बताए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि किसान नेताओं के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने जो सबसे बड़ा प्रस्ताव दिया था वो आज भी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि आपलोगों के जाननेवाले जो किसान नेता हों उनको ये बात बताएं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि किसानों के लिए सरकार से बातचीत के दरवाजे अब भी खुले हैं और वे जब चाहें सरकार से बात कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बातचीत से समाधान निकाला जा सकता है। हमें देश के बारे में सोचना चाहिए।
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