नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को और धार देने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और आगे की रणनीति तय की। साथ ही शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष तारा गांधी भट्टाचार्य गाजीपुर बॉर्डर पहुंचीं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में किसान नेताओं की बैठक करने के कार्यक्रम का खुलासा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाती है तब तक दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान घर नहीं लौटेंगे।
राकेश टिकैत एक ऐसा चेहरा हैं जिन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से एक नयी पहचान मिली है। टिकैत अब इस आंदोलन को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से निकाल कर देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर को बीते 28 नवंबर से प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना रखा है | 28 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी भीड़ की तुलना अगर आज से करें तो अब प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कमी आ चुकी है |
प्रधानमंत्री की अपील पर राकेश टिकैत का बयान...बातचीत करना चाहते हैं तो हमारी कमेटी बात करेगी..कानूनों को वापस लेते ही समस्या का समाधान..MSP पर कानून बनाए सरकार- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को हरियाणा के भिवानी जिले के कितलाना में आयोजित कृषक रैली को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून वापस नहीं होने पर अनाज तिजोरियों में रखने वाला सामान बन जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के मद्देनजर प्रशासन के साथ मिलकर मदद करने की बात कही है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की कि गाजीपुर सीमा पर किसानों का विरोध 'अक्टूबर या नवंबर तक' जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर मालिकों से अपने वाहनों को 'ट्रैक्टर क्रांति' से जोड़ने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा, ''अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिए। आप जहां भी जाएंगे, आपका सम्मान किया जाएगा।''
महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी पुलिस ने कुछ देर के लिए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
केंद्र सरकार (Modi Government) द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में किसान संगठन 73 दिनों से दिल्ली की सीमा पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 11.59 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
राकेश टिकैत ने कहा कि राकेश टिकैत का कहना है कि पूरे देश में चक्का जाम बेहद शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है और कहीं से भी हंगामे की कोई ख़बर नहीं आई है। जहां पर हंगामे के आसार थे, उन्हें पहले ही चक्का जाम से बाहर कर दिया था।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब ढाई माह से जारी आंदोलन के बीच आज किसान देश भर में चक्का जाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करने का फैसला किया है।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि हमारे पुास पुख्ता सबूत थे कि कल कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी।
किसानों ने कल देश भर में चक्का जाम का ऐलान किया है लेकिन चक्का जाम कहां-कहां होगा, कहां इसका असर रहेगा, इसको लेकर बड़ी खबर आई है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि कल होने वाला चक्का जाम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में नहीं होगा। यहां सिर्फ ज्ञापन दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाक़ात के बाद बलबीर सिंह राजेवाल ने यह ऐलान किया। बाकी पूरे देश में रहेगा चक्का जाम रहेगा। बता दें कि राकेश टिकैत ने कल कहा था कि दिल्ली के अलावा पूरे देश में चक्का जाम करेंगे। बलबीर सिंह राजेवाल के मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा यूपी और उत्तराखंड में भी चक्का जाम नहीं होगा।
किसानों ने कल देश भर में चक्का जाम का ऐलान किया है लेकिन चक्का जाम कहां-कहां होगा, कहां इसका असर रहेगा, इसको लेकर बड़ी खबर आई है।
राकेश टिकैत ने आंदोलन और तेज करने के लिए किसानों को एक नया फॉर्मूला देते हुए कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 आदमी 10 दिन का समय लेकर आएं, और इस तरह हर किसान इस आंदोलन में शामिल हो सकेगा और गांव लौटकर खेती भी कर सकेगा।
किसान आंदोलन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने वालों को किसान नेता राकेश टिकैट ने कड़ा संदेश दिया है। राकेश टिकैट ने गुरुवार को कहा कि किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें।
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