पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने शनिवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा में अब तक 16 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से मेरठ में चार, फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो-दो, वाराणसी, संभल, रामपुर और लखनऊ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदात में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कानपुर में यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की आवाज का पूरी तरह अपमान किया है और असहमति को दबाने के लिए क्रूरता से बल का इस्तेमाल किया है।
नारखी थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार सिंह जब आगे बढ़े तो भीड़ में से किसी ने उनकी सर्विस रिवॉल्वर छीन ली। उसके बाद पुलिस ने लोगों को बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश तो मामला और बढ़ गया।
जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। पुलिस ने बताया कि नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के लिए लोग मस्जिदों में नमाज के बाद सड़कों पर आ गये।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों से जुम्मे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन की खबरें हैं। सीएम योगी के गृह जिले गोरखपुर, बहारइच और यूपी वेस्ट के मुजफ्फरनगर से उग्र प्रदर्शन देखने को मिला है।
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