उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में रैट माइनर्स को सम्मानित किया। उन्होंने उत्तराखंड की टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने वाली टीम को एक-एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया।
चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए 12 नवंबर को बचाव अभियान शुरू किया गया था और 17 दिनों बाद सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाला गया था।
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो गई, जिसके साथ दावा है कि ये उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में मजदूरों को निकालने वाले बचाव दल से संबंधित है। इंडिया टीवी ने अपने फैक्ट चेक में ये पाया कि वायरल तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है, जिसे कई बड़े नेताओं ने भी शेयर कर दिया।
बचाव अभियान में भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया था। रैट माइनर्स चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है।
सीएम धामी ने कहा कि सुरंग हादसे के चलते हम सब इस बार दीवाली नहीं मना पाए थे और सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिए जाने के बाद आज दीवाली और ईगास का जश्न मनाया गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बन रही सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से एक के पिता की उसके टनल से बाहर निकलने के चंद घंटे पहले ही मौत हो गई।
सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए मजदूरों को हेलीकॉप्टर से बुधवार को ऋषिकेश AIIMS लाया गया जहां उनका मेडिकल चेकअप हो रहा है। सुरंग से बाहर आए बिहार निवासी एक श्रमिक ने सीएम नीतीश के रवैये पर निराशा जताई है।
रांची के पास स्थित खीराबेडा गांव के रहने वाले बेदिया के साथ 12 और लोग आजीविका के लिए एक नवंबर को उत्तरकाशी गए थे। सौभाग्य से इनमें से केवल तीन लोग सुरंग में थे। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के विभिन्न जिलों के थे।
12 नवंबर को भूस्खलन के कारण सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद मजदूर उसमें फंस गए थे। सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है।
बीते 17 दिनों से उत्तरकाशी के टनल में फंसे 41 मजदूरों को श्रमिकों बाहर निकाल लिया गया है। मजदूर व उनके परिजन काफी खुश हैं और सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने भी सुरंग से बाहर निकले श्रमिकों से बात की है।
दिवाली के दिन से ही उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को अंतत: मंगलवार शाम बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान अमेरिकी मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। तब इंसानी हौसले और मेहनत के दम पर खुदाई करके मजदूरों का सफल रेस्क्यू हुआ। जानें इस पर विदेशी मीडिया ने क्या प्रतिक्रिया दी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो गया है। टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। ये मजदूर 17 दिन से टनल के अंदर फंसे हुए थे और पूरा देश इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर जमाए बैठा था।
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से फोन पर बात की है।
सुरंग के अंदर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मजदूरों से सबसे पहले मिले। उनके बाहर निकलने पर दोनों के चेहरों पर राहत के भाव साफ़ नजर आ रहे थे।
कई दिनों के इंतजार, मेहनत, सब्र, वैज्ञानिक प्रयासों और ईश्वर की कृपा से सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया है। सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।
उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को एक-एक कर निकाला जा रहा है। जानिए कहां-कहां के रहने वाले हैं सभी मजदूर और कैसे टनल में जा फंसे?
बचाव अभियान में भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है जो चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है।
उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का काम आज किसी भी वक्त पूरा हो सकता है। सबसे बड़ी बात ये है कि मजदूरों को निकालने के बाद क्या होगा। जानिए पूरी बात-
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स 20 नवंबर को ही सुरंग स्थल पर पहुंच गए थे और तब से वहीं रुके हुए थे। उन्होंने पिछले 17 दिनों में हमेशा सभी को पॉजीटिव रहने की सलाह दी। डिक्स दिन-रात सुरंग स्थल पर मजदूरों से संपर्क में रहे।
भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है। अब सबकी उम्मीद इन्हीं रैट माइनर्स पर टिक गई हैं।
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