यूक्रेन में युद्ध के कारण विनिर्माण प्रभावित होने से अब बेंगलुरु के यलहंका स्थित रेलवे व्हील फैक्ट्री में दो वंदे भारत रेक के पहिये बनाए जाएंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘मार्ग और समय सारिणी को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। देश के सभी हिस्सों को ये सेवाएं मिलेंगी। इन ट्रेनों का निर्माण रेलवे के चेन्नई कारखाने में किया जा रहा है। इन ट्रेनों का डिस्पैच अगस्त-सितंबर से शुरू होगा।’’
थरूर ने कहा कि यह विकास को बढ़ावा देने के लिये तेजी से ट्रेन यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की चिंता, और उनकी पार्टी की चिंताओं को दूर कर सकता है।
भारतीय रेलवे में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। इस खबर का असर रेलवे में यात्रियों यात्रा करने वालों लाखों लोगों पर होगा। अभी नया साल आने वाला है ऐसे में इस समय यात्री अधिक संख्या में ट्रेन में यात्रा करते है।
इस महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में 44 ट्रेन का निर्माण किया जाएगा जिसमें हर ट्रेन में 16 कोच होंगे। प्रोजेक्ट में स्थानीय सामग्री का अनुपात न्यूनतम 75 फीसदी होगा। 29 सितंबर को निविदा पूर्व बैठक (प्री बिड मीटिंग) होगी, टेंडर 17 नवंबर, 2020 को खुलेगा।
पाकिस्तान से 118 भारतीय नागरिक 10 अगस्त को भारत लौटेंगे। इनको वंदे भारत योजना के तहत भारत लाया जाएगा।
एअर इंडिया वंदे भारत मिशन के चौथे चरण के तहत तीन से 15 जुलाई तक 17 देशों से 170 विमानों का परिचालन करेगी।
कोरोना संकट के दौरान दुनिया भर से भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार ने मई से वंदे भारत मिशन शुरू किया है।
विदेश से आने वाले लोगो को घर तक पहुंचाने के लिए यूपी रोडवेज बसें और ट्रैक्सी चालाने जा रहा है। ये बसें और टैक्सियां यूपी के विभिन्न शहरों के लिए दिल्ली नोयडा और गाजियाबाद से चलेंगी।
एअर इंडिया और उसकी सहयोगी एअर इंडिया एक्सप्रेस ने वंदे भारत अभियान के पहले पांच दिन के दौरान 31 उड़ानें संचालित की जिनसे लॉकडाउन के चलते विदेशों में फंसे 6,037 भारतीयों को देश में लाया गया।
वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान के तहत, एअर इंडिया का एक विमान ब्रिटेन में फंसे 331 लोगों को लेकर यहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचा।
पेशे से डॉक्टर राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर यात्रियों की वापसी के दौरान औपचारिकताएं पूरी करने में उनका मार्गदर्शन करने के लिए तड़के यहां हवाई अड्डे पर मौजूद रहे।
तेज गति की ट्रेन वंदे भारत में बासी खाना वितरित करने वाले सेवा प्रदाता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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