अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस-यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले कीव की यात्रा करके पश्चिमी देशों के अंदर एकजुटता का जोश भर दिया है। यही वजह है कि अब इटली भी यूक्रेन के समर्थन में आ गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के बाद अब इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी भी यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा करने वाली हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की औचक यूक्रेन यात्रा के 24 घंटे के अंदर ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।
यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कीव पहुंच गए हैं। यूक्रेन की राजधानी में बाइडन ने जेलेंस्की से मुलाकात की और कई अहम क्षेत्रों का जायजा भी लिया। इस दौरान बाइडन ने यूक्रेन को युद्ध में मदद के लिए 500 मिलियन डॉलर के नए रक्षा पैकेज देने के ऐलान किया है।
रूस और यूक्रेन युद्ध को करीब 1 वर्ष होने को हैं। इस बीच अमेरिका ने रूस पर सबसे गंभीर आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है कि रूस ने यूक्रेन में मानवता पर बड़ा अपराध किया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शनिवार को कहा कि अमेरिका का मानना है कि रूस ने यूक्रेन में मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं।
यूक्रेन के साथ करीब 1 वर्ष से चल रहे युद्ध के दौरान रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। थिंक टैंक विशेषज्ञ थिंक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (अईआईएसएस) की एक गणना के अनुसार यूक्रेन से लगभग एक साल तक चली लड़ाई के बाद रूस की सेना के टैंकों के बेड़े का लगभग 40 प्रतिशत नष्ट हो जाने का अनुमान है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रेफ्रेंडम के बाद यूक्रेन के चार क्षेत्रों दोनेत्स्क, लुहांस्क और खेरसॉन व जापोरिज्जिया को रूस में मिलाए जाने का ऐलान किए जाने के बाद पिछले वर्ष इसे अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना फिर से इन क्षेत्रों पर लगभग नियंत्रण स्थापित कर चुकी थी।
ब्रिटेन की यात्रा पर निकले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को यूरोपीय संघ के 27 देशों ने रूस के खिलाफ जंग में खुला समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे रूस-यूक्रेन की जंग और अधिक भीषण हो जाने की आशंका बढ़ गई है। दोनों देशों के बीच 24 फरवरी 2022 को युद्ध की शुरुआत हुई थी। अब इसके एक वर्ष पूरे होने को हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की युद्ध के एक वर्ष होने से पहले ब्रिटेन यात्रा पर लंदन पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने ब्रिटेन के 900 साल पुराने वेस्टमिंस्टर हॉल में यूक्रेन में युद्ध के हालात पर बोलना शुरू किया तो सिर्फ ब्रिटिश सांसदों ने ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया उन्हें सुनती रही।
यूक्रेन पर रूस ने वर्ष 2022 में 24 फरवरी को पहली बार हमला किया था। आगामी 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले को एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। यूक्रेन हमले की इस बरसी पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन कीव पर बहुत बड़े हमले की तैयारी में हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की स्वयं यह आशंका कई बार जता चुके हैं।
यूक्रेन युद्ध के एक वर्ष होने को हैं। पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर भीषण मिसाइल और ड्रोन हमलों को जारी रखा है। मंगलवार को यूक्रेन में रूसी गोलाबारी में भारी संख्या में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है, इस गोलाबारी में एक शहर के अस्पताल में आग लग गयी। हमले के वक्त अस्पताल में काफी संख्या में मरीजों का इलाज चल रहा था।
अगर यूक्रेन के साथ युद्ध जारी रहा तो रूस का पेरिस ओलंपिक में भाग लेने सपना टूट सकता है। यूक्रेन पर हमला नहीं रोकने की स्थिति में फ्रांस ने रूस को बाहर का रास्ता दिखाने का संकेत दे दिया है। आपको बता दें कि पेरिस ओलंपिक की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को करीब 1 वर्ष होने को हैं। इस दौरान दोनों देशों में भीषण जंग जारी है। दोनेत्स्क और बखमुत जैसे शहरों में करो या मरो की जंग चल रही है। इस बीच खबर है कि रूसी सेना ने बखमुत को तीन ओर से घेर लिया है। इससे यूक्रेनी सैनिकों का हौसला टूट रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अब एक साल होने वाले हैं। इस बीच पता चला है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए महिला कैदियों की भर्ती कर रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की तक क्या रूस अबतक पहुंच नहीं पाया है या फिर वह अपनी बदौलत जीवित बचे हैं और रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं?..यह सवाल अक्सर हर किसी के जेहन में आता होगा। मगर एक नेता के इस दावे के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि पिछले वर्ष ही राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या हो गई होती।
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 11 महीने बाद दोनों देशों के बीच कुछ ऐसी सकारात्मक पहल हुई है, जिसके बारे में जानकर हर किसी को सुकून और इंसानियत का एहसास होगा। आपसी समझौते के बाद रूस ने यूक्रेन के 116 बंदियों को रिहा कर दिया है। इसके बाद वह यूक्रेन के लिए रवाना हो गए हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि रूस दो नए मोर्चों पर हमले की योजना बना रहा है। पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन उसके निशाने पर हैं। इसके लिए 5 लाख सैनिकों की बॉर्डर पर तैनाती की जा रही है। खुद यूक्रेन के रक्षामंत्री का कहना है कि 24 फरवरी के बाद रूस बड़ा हमला कर सकता है।
रूस और यूक्रेन युद्ध को अब 12 वां महीना शुरू हो गया है। इस बीच पूर्वी यूक्रेन पर रूसी सेना सबसे बड़े और विनाशक हमले की तैयारी में है। यह सूचना मिलते ही यूक्रेन में खलबली मच गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पूर्वी यूक्रेन में बसे लोगों को जल्द से जल्द इलाका खाली कर देने को कहा है।
यूक्रेन युद्ध मामले में जर्मनी बार-बार अपना स्टैंड बदल रहा है। कभी वह पूरी तरह यूक्रेन के साथ खड़ा दिखता है तो कभी मदद से अपने हाथ पीछे खींच लेता है। यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करने के बाद भी जर्मनी काफी दिनों तक कभी हां तो कभी न करता रहा।
फ्रांस की रक्षा समिति के अध्यक्ष थॉमस गैसिलौड ने कहा कि फ्रांस लड़ाकू विमानों की यूक्रेन की मांग को पूरा कर सकता है। वहीं कीव के रक्षा मंत्री के सलाहकार ने कहाकि 'परमाणु हथियारों के अलावा ऐसा कुछ नहीं बचा है जो हमें नहीं मिलेगा'।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक, देश की सेना ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के जन्मदिन 25 जनवरी को 40 रूसी टैंकों को तबाह किया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़