Saturday, April 20, 2024
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हम हैं अफगानिस्तान के 'वैध' शासक: तालिबान

तालिबान ने कहा है कि अमेरिका के साथ हुए उसके शांति समझौते के बाद भी यह तथ्य अपनी जगह बरकरार है कि उसके सर्वोच्च नेता अफगानिस्तान के 'वैध शासक' हैं और उनके लिए 'धर्म ने यह अनिवार्य कर दिया है कि विदेशी 'कब्जाधारी' फौजों की वापसी के बाद वह देश में इस्लामी हुकूमत कायम करें...

IANS Reported by: IANS
Published on: March 08, 2020 19:18 IST
Taliban- India TV Hindi
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इस्लामाबाद: तालिबान ने कहा है कि अमेरिका के साथ हुए उसके शांति समझौते के बाद भी यह तथ्य अपनी जगह बरकरार है कि उसके सर्वोच्च नेता अफगानिस्तान के 'वैध शासक' हैं और उनके लिए 'धर्म ने यह अनिवार्य कर दिया है कि विदेशी 'कब्जाधारी' फौजों की वापसी के बाद वह देश में इस्लामी हुकूमत कायम करें।' 'द न्यूज' की रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के इस बयान के बाद अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है। यह घटनाक्रम, इस खुलासे के बाद सामने आया है कि अमेरिकी सरकार को इस आशय की खुफिया रिपोर्ट मिली हैं कि तालिबान, अमेरिका के साथ हुए समझौते पर अमल नहीं भी कर सकते हैं।

तालिबान ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि उसके 'वैध अमीर' मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा की मौजूदगी में कोई और अफगानिस्तान का शासक नहीं हो सकता। संगठन ने कहा, "विदेशी कब्जे के खिलाफ 19 साल लंबा जिहाद वैध अमीर की कमान के तहत किया गया। कब्जे को खत्म करने के समझौते का अर्थ यह नहीं है कि उनका (मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा का) शासन खत्म हो गया है।"

तालिबान ने अपने बयान में भविष्य के लिए कई गंभीर संकेत भी दिए। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि विदेशी फौजों की वापसी ही उनकी बगावत का लक्ष्य नहीं है बल्कि 'यह विदेशी हमलावरों का समर्थन करने वाले भ्रष्ट (अफगान) तत्वों को भावी सरकार का हिस्सा नहीं बनने देने के लिए भी है। जब तक देश पर विदेशी कब्जा जड़ से नहीं मिट जाता और इस्लामी सरकार की स्थापना नहीं हो जाती, मुजाहिदीन (विद्रोही) अपना सशस्त्र जिहाद जारी रखेंगे।'

तालिबान अफगानिस्तान की मौजूद व इससे पहले की सरकारों को अमेरिकी पिट्ठू मानते हैं। इनसे पहले तालिबान को अमेरिकी हमले के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।

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