Sunday, April 28, 2024
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दाओस के World Economic Forum में अडानी और स्मृति ईरानी देंगे दुनिया को आर्थिक संकट से उबरने का मंत्र

न्यूजीलैंड के दाओस में आज से शुरू होने जा रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारत समेत दुनिया के कई देश हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन ऐसे वक्त में शुरू हुआ है, जब पाकिस्तान कंगाली की मार झेल रहा है। पाकिस्तान में रोटी, दाल के लिए लोगों के बीच जंग चल रही है। महंगाई की मार से त्रस्त जनता सड़क पर है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 16, 2023 10:43 IST
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : FILE वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (प्रतीकात्मक फोटो)

 World Economic Forum in Daos: न्यूजीलैंड के दाओस में आज से शुरू होने जा रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारत समेत दुनिया के कई देश हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन ऐसे वक्त में शुरू हुआ है, जब पाकिस्तान कंगाली की मार झेल रहा है। पाकिस्तान में रोटी, दाल के लिए लोगों के बीच जंग चल रही है। महंगाई की मार से त्रस्त जनता सड़क पर है। कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के कई अन्य देशों में भी महंगाई चरम पर है। ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था चरमराई है। पूरे विश्व में खाद्य और ऊर्जा का भारी संकट है। इस फोरम में भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत कई अन्य प्रतिनिध भी शामिल हो रहे हैं। इसमें गौतम अडानी का नाम भी प्रमुख है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी जाना था, लेकिन उनका कार्यक्रम कुछ वजहों से रद्द हो गया है।

इस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का विषय "विभाजित दुनिया में सहयोग" पर आधारित है। यूक्रेन युद्ध के चलते अलग-अलग धड़ों में बंटती दुनिया, ताईवान तनाव, भारत-चीन तनाव, भारत-पाकिस्तान तनाव, चीन-जापान और चीन-फिलीपींस तनाव, अमेरिका-चीन तनाव, आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध, ईरान-ईराक, पाकिस्तान-अफगानिस्तान, साउथ कोरिया-उत्तर कोरिया जैसे देशों के बीच तनाव और युद्ध जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही कोरोना महामारी और युद्ध के कारणों से दुनिया में बढ़ते आर्थिक संकट से देशों को उबारने का मंत्र भी खोजा जाएगा।

5 दिनों तक चलेगा वैश्विक सम्मेलन

इस वैश्विक सम्मेलन में दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह सम्मेलन 5 दिनों तक चलेगा। कोरोना महामारी के बाद वर्ष 2023 में यह पहला फिजिकल सम्मेलन हो रहा है। इससे पहले के सम्मेलन महामारी के चलते वर्चुअल तरीके से हुए थे। महामारी के चलते उबरे आर्थिक और भू-राजनीतिक संकटों के बीच स्वास्थ्य दुष्प्रभावों और महंगाई की मार से बेहाल होते देशों के हालातों पर चर्चा होगी। इसमें 50 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत की ओर से प्रमुख उद्योग पतियों में अडानी के अलावा कुमार मंगलम बिड़ला, संजीव बजाज, एन चंद्रशेखर,नादिर गोदरेज, सज्जन जिंदल, सुनील मित्तल, नंदन नीलकेणि,रिषद प्रेमजी और अदार पूनावाला जैसी हस्तियां भी शामिल हो सकती हैं।

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