Friday, April 26, 2024
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पहले पाकिस्तान को F-16 के लिए दी मदद, और अब POK को बताया 'आजाद कश्मीर', इतना प्यार क्यों लुटा रहा अमेरिका? भारत से क्या चाहता है?

Pakistan US Relations: अमेरिका शुरू से ही कहता आया है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए। लेकिन अब अमेरिका ने पीओके को आजाद कश्मीर बोल एक नई बहस शुरू कर दी है।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 15, 2022 15:33 IST
Shehbaz Sharif-Joe Biden- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Shehbaz Sharif-Joe Biden

Highlights

  • पाकिस्तान के करीब जा रहा अमेरिका
  • एफ-16 लड़ाकू विमान के लिए दिए पैसे
  • राजदूत ने पीओके को आजाद कश्मीर कहा

Pakistan US Relations: पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लूम की तरफ से किया गया एक ट्वीट इस वक्त सुर्खियों में बना हुआ है और भारत-अमेरिका रिश्ते पर सवाल खड़े कर रहा है। ब्लूम हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके गए थे। जब वह वहां से लौटे तो उन्होंने पीओके को आजाद कश्मीर कहा। जबकि ये भारत का हिस्सा है। ब्लूम के ट्वीट ने नए विवाद को खड़ा कर दिया है। अभी तक अमेरिका ने भारत या पाकिस्तान में से किसी भी एक देश का पक्ष नहीं लिया था लेकिन अब इस मामले में अमेरिका के व्यवहार को देखते हुए चिंता जताई जा रही है। 

क्या अमेरिका ने कश्मीर पर यूटर्न लिया?

अमेरिका शुरू से ही कहता आया है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए। लेकिन अब अमेरिका ने पीओके को आजाद कश्मीर बोल एक नई बहस शुरू कर दी है। ये ट्वीट भी ऐसे वक्त पर किया गया है, जब पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका के दौरे पर हैं। हाल में ही अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर दिए थे, जबकि भारत ने इसपर नाराजगी जताई थी।

ये मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा और अमेरिका की तरफ से अब इस तरह की बातें कही जा रही हैं। वहीं, जिस तरह से बीते कुछ दिनों से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार व्यवहार कर रही है, उससे ऐसा लगता है कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वहां की सरकार को खुश करने की कोशिश में है।

अमेरिका के ऐसा करने के पीछे क्या कारण है?

अमेरिका किसी न किसी तरीके से नहीं चाहता था कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान दोबारा सत्ता में लौटें, जिन्होंने अप्रैल में अपनी कुर्सी गंवा दी थी। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान ने जिस अमेरिकी साइफर (गूढ़लेख) का जिक्र किया था, वह इस वक्त रावलपिंडी में पाकिस्तान सेना के कब्जे में है। लेकिन भारत अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दिखाई दे रहे इस दोस्ताने पर नजर बनाए हुए है।

भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान और अमेरिका का रिश्ता एक बार फिर मजबूत हो रहा है। वहीं इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि भारत के इस पड़ोसी देश पाकिस्तान की हमेशा से ही बड़े मुद्दों पर यूटर्न लेने की आदत रही है। चाहे फिर बात अल कायदा के आंतकवादी अल-जवाहिरी को पनाह देने की बात हो या फिर चीन और अमेरिका के साथ अल्पकालिक लाभ उठाने की बात हो।

Shehbaz Sharif-Joe Biden

Image Source : INDIA TV
Shehbaz Sharif-Joe Biden

पाकिस्तान अमेरिका के करीब क्यों जा रहा है?

विदेश नीति के विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और पाकिस्तान का रिश्ता हमेशा से ही हथियारों की बिक्री पर निर्भर रहा है। पाकिस्तान को हमेशा से ही अपने हथियारों की मैंटेनेंस के लिए अमेरिका की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर भारत अमेरिका से कोई मिलिट्री हार्डवेयर खरीदता है तो वह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर देता है। विशेषज्ञों का यह भी मानना ​​है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान को अमेरिकी मदद की जरूरत है।

 
अमेरिका की मदद से पाकिस्तान न केवल चीन का कर्ज चुका सकेगा बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को भी बचा लेगा। आने वाले दिनों में इन दोनों देशों का रिश्ता और ज्यादा गहरा हो जाएगा। वहीं पाकिस्तान को अमेरिका से रक्षा क्षेत्र में मदद भी ऐसे वक्त पर मिली है, जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। वहीं भारत इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।

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