Monday, April 29, 2024
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चुनाव धांधली का आरोप लगाने वाले अधिकारी ने लिया यू-टर्न, अब इमरान की पार्टी पर साधा निशाना

पाकिस्तान में चुनाव धांधली का आरोप जिस अधिकारी ने लगाया था, वह अधिकारी अपने बयान से पलट गया है। उलटा अब उस लियाकत अली चट्ठा ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर आरोप लगा दिया है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: February 23, 2024 13:00 IST
पाकिस्तान में चुनाव- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान में चुनाव

Pakistan Election : पाकिस्तान में सेना के दबाव में क्या नहीं हो सकता है। दरअसल, जिस अधिकारी ने खुद पाकिस्तान में हुई चुनावी धांधली का आरोप लगाया था, उसी ने यू टर्न ले लिया है। यही नहीं, जिस अधिकारी ने पहले चुनाव में धांधली का आरोप सेना और सरकार पर लगाया था, अब उसी अधिकारी ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर निशाना साधा है। जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते, रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने दावा किया था कि इस्तीफा देने से पहले रावलपिंडी के 13 उम्मीदवारों को जबरदस्ती विजेता घोषित किया गया था। अब उसी अधिकारी का कहना है कि उसने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा दावा पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता के दबाव में दिया था।

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को लिखे एक पत्र में चट्ठा ने कहा कि पिछले हफ्ते की प्रेस कॉन्फ्रेंस पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता के आदेश पर आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा, "इस प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्राथमिक उद्देश्य पीटीआई द्वारा बनाई जा रही झूठी कहानियों को बढ़ावा देकर सनसनी और नाटक पैदा करना था। मैं अपने कार्यों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों के सामने खुद को आत्मसमर्पण करता हूं।"

चीफ जस्टिस की कोई भूमिका नहीं थी, बोले चट्ठा

चट्ठा ने इस बात से भी इनकार किया कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका थी, उन्होंने कहा कि उनसे विशेष रूप से पीटीआई नेता, जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया, ने इमरान के नेतृत्व वाली पार्टी की तरह गति पैदा करने के लिए सीजेपी का नाम लेने के लिए कहा था। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ संदेह और अविश्वास पहले से ही बोया जा रहा है।

जानिए चुनाव धांधली का क्या आरोप लगाया था अधिकारी ने?

इससे पहले पाकिस्तान चुनाव में धांधली के आरोप पर पाकिस्तान के एक कमिश्नर चट्ठा ने ने प्रेसवार्ता की थी। इसमें उसने कहा था कि उनकी निगरानी में धांधली की गई और हारे हुए उम्मीदवारों को 50 हजार के मतों से जिताना पड़ा। अधिकारी ने कहा कि उसने अपने देश के साथ अन्याय किया है। इसलिए उसे फांसी दे दी जानी चाहिए। उन्होंने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और धांधली के आरोपों को स्वीकारते हुए कहा कि यह सब उनकी निगरानी में हुआ था। इसके बाद अधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया था। इस घटना के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था।

पहले लगाया आरोप, अब पीछे हटे ​चट्ठा

अब रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा गुरुवार को अपने आरोपों से पीछे हटते हुए कहा कि पिछले हफ्ते की प्रेस वार्ता पाकिस्तान तहरीक के एक वरिष्ठ के आदेश पर आयोजित की गई थी। उधर, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मुख्य चुनाव आयुक्त के संबंध में चट्ठा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया।

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