Saturday, April 27, 2024
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बिहार: आनंद मोहन का भाजपा पर तंज-'सब डरे हुए हैं, मैं तो हाथी हूं, कमल को रौंद दूंगा'

काफी सालों बाद जेल से बाहर आए बिहार के माफिया आनंद मोहन ने महिषी में एक समारोह के दौरान बीजेपी पर करारा हमला बोला। आनंद मोहन ने कहा कि बीजेपी वाले मेरी रिहाई से डर गए हैं। मैं हाथी हूं उनके कमल को रौंद दूंगा-फाड़ दूंगा।

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari
Updated on: May 21, 2023 7:23 IST
anand mohan big statement- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आनंद मोहन का बड़ा बयान

बिहार: सालों बाद जेल से बाहर आए बिहार के माफिया आनंद मोहन सिंह ने शुक्रवार की शाम महिषी में आयोजित एक समारोह में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। आनंद मोहन सिंह महिषी विधानसभा क्षेत्र के महपुरा गांव में दिवंगत राजपूत मुखिया इंद्र देव सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि "वे (भाजपा) मेरी रिहाई से बहुत परेशान हैं क्योंकि उन्हें डर है कि यह हाथी (खुद की ओर इशारा करते हुए) उनके कमल को रौंदेगा और फाड़ देगा। उन्होंने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं, समाजवाद के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।"

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को बिहार सरकार को आनंद मोहन को छूट देने के 24 अप्रैल के विवादास्पद फैसले से संबंधित फाइलें पेश करने का निर्देश दिए जाने के तुरंत बाद, पूर्व सांसद ने बिहार के सहरसा के  महिषी में एक निजी समारोह में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सीधा हमला किया।

मुझे कहीं से-किसी से चरित्र प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं

बिहार में खुद को दलित विरोधी चेहरे के रूप में प्रचारित किए जाने का विरोध करते हुए, उन्होंने कहा, “महिषी दलित के प्रति उनके प्रेम की गवाही है क्योंकि उन्होंने इसी (महिषी) सीट से 62,000 के अंतर से विधानसभा चुनाव जीता था। इस तथ्य के बावजूद कि निर्वाचन क्षेत्र में सिर्फ 7,000 लोग राजपूत समुदाय से हैं। मोहन ने कहा, "मुझे दिल्ली, यूपी या आंध्र प्रदेश से चरित्र प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। यह बिहार है जो सब कुछ तय करेगा।”

वे शुक्रवार की शाम महिषी विधानसभा क्षेत्र के महपुरा गांव में दिवंगत राजपूत मुखिया इंद्र देव सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. मधेपुरा जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के सांसद दिनेश चंद्र यादव के साथ, जिला जद-यू के विधायकों के अलावा, पूर्व सांसद ने बिहार में महागठबंधन के बीच एकता दिखाने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को दिए हैं निर्देश

इस बीच, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वह मोहन को छूट देने के 24 अप्रैल के विवादास्पद फैसले से संबंधित फाइलें पेश करे और मामले का राजनीतिकरण करने या इसे जाति का मुद्दा बनाने के खिलाफ आगाह किया। सुप्रीम कोर्ट मारे गए आईएएस अधिकारी और गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णय्या की विधवा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

कृष्णय्या की पत्नी उमादेवी ने बिहार जेल नियमावली में संशोधन करने वाले राज्य सरकार के 10 अप्रैल के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके द्वारा लोक सेवक की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे मोहन जैसे अपराधी 14 साल के कारावास के बाद समय से पहले रिहाई के पात्र हो गए थे।

बिहार सरकार द्वारा छूट दिए जाने के बाद 10 मई को मोहन ने पहली बार बिहार के अररिया में सार्वजनिक रूप से बात की। उन्होंने कहा था कि वह युवा आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में निर्दोष हैं और अपने खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों पर नाराजगी व्यक्त की थी।

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