हरियाणा के फरीदाबाद जिले में मुस्लिम बहुल धौज गांव के पास फैले 76 एकड़ के विशाल कैंपस में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आ गई है। दिल्ली में लाल किले के पास हुए भयानक धमाके और 3 डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी पर सवाल उठ रहे हैं। ये डॉक्टर 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' से जुड़े बताए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है। इस बीच अल फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी में एक ऐसा डॉक्टर काम कर रहा था जिसे कश्मीर से आतंकी लिंक होने के वजह से SMHS अस्पताल से बर्खास्त किया गया था।
2023 में डॉ. निसार पर दर्ज हुआ था केस
डॉक्टर का नाम निसार-उल-हसन है। 2023 में डॉक्टर निसार पर केस किया गया था। निसार यहां सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर काम कर रहा था और मेडिकल कॉलेज में भी पढ़ाता था। दिल्ली ब्लास्ट के बाद से वह फरार है। डॉ. निसार की बेटी को हिरासत में लिया गया है। वो अल फलाह मेडिकल कॉलेज में पढ़ती है, उससे पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस हॉस्पिटल में कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है।

7 साल से हॉस्पिटल में तैनात था डॉ. उमर
अल फलाह हॉस्पिटल में डॉक्टर उमर 7 साल से काम कर रहा था जबकि डॉक्टर मुजम्मिल 5 साल से अस्पताल में था। अल फलाह हॉस्पिटल का मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी जामिया के बटला हाउस का रहने वाला है। अल फलाह हॉस्पिटल में 250 लोग कश्मीर के हैं। इसकी प्रिंसिपल भूपेंद्र कौर आनंद और कई स्टूडेंट्स से NIA पूछताछ कर रही है।
महीनों के लिए कॉलेज से गायब हो जाता था डॉ. उमर
डॉक्टर उमर और मुजम्मिल को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। डॉ. उमर और मुजम्मिल स्टूडेंट्स को रेडिकलाइज करते थे। स्टूडेंस, स्टाफ को कश्मीर के बारे में रेडिकलाइज करते थे। डॉक्टर उमर महीनों के लिए कॉलेज से गायब हो जाता था लेकिन यूनिवर्सिटी उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती थी। डॉ. उमर और डॉक्टर मुजम्मिल अक्सर मुस्लिम स्टाफ के साथ खाना खाते हुए कश्मीरियों पर कैसे अत्याचार हो रहा है ये कहानियां सुनाया करते थे। डॉ. उमर स्टूडेंट्स के बीच काफी फेमस था। कॉलेज के बाद भी स्टूडेंट्स उसके कमरे में जाया करते थे।
तुर्किये में जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर से मिले थे उमर और मुजम्मिल
डॉक्टरों के टेरर नेटवर्क को लेकर जांच में पता चला है कि धमाके से पहले डॉक्टर उमर और डॉक्टर मुजम्मिल तुर्किए गए थे। तुर्किये में ये दोनों आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के हैंडलर से मिले थे। जांच एजेंसी को दोनों के पासपोर्ट में तुर्किये के स्टैम्प मिले हैं। वहीं, इस मामले में गिरफ्तार बाकी डॉक्टर्स से भी पूछताछ की जा रही है। लखनऊ में परवेज़ अंसारी से लेकर लेडी डॉक्टर शाहीन तक से फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल को लेकर सवाल जवाब हो रहे हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में NIA की ताबड़तोड़ रेड चल रही है। NIA की एक और टीम अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची है। 4 राज्यों की पुलिस और NIA की टीम यूनिवर्सिटी के अंदर मौजूद है। कॉलेज की फैकल्टी और स्टूडेंट्स से पूछताछ की जा रही है।
यह भी पढ़ें-
अल फलाह यूनिवर्सिटी में कितनी है MBBS की फीस, जानें; दिल्ली ब्लास्ट के बाद चर्चा में आई