Friday, April 26, 2024
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EXCLUSIVE: चीन ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटाया, अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करेगा

चीन ने गलवान घाटी में अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मानते हुए पीछे हटने का फैसला लिया और फिलहाल पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14 से अपने सारे स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटा लिया है।

Manish Prasad Reported by: Manish Prasad @manishindiatv
Updated on: July 07, 2020 0:07 IST
EXCLUSIVE: चीन ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटाया, अप्रैल 2020 की स्थिति बहा- India TV Hindi
Image Source : PTI EXCLUSIVE: चीन ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटाया, अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करेगा 

नई दिल्ली: चीन ने गलवान घाटी में अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मानते हुए पीछे हटने का फैसला लिया और फिलहाल पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14 से अपने सारे स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटा लिया है। वहीं पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 पर चीन ने लगभग अपनी बीस टेंट और करीब 200 जवानों को पीछे किया है। चीन ने यहां पर अपने इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल और आर्टिलरी गन को भी पीछे किया है।

भारतीय सेना के मुताबिक़ आने वाले एक और दो दिन में पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 को भी चीन पूरी तरह से ख़ाली कर देगा। यहां पर चीन क़रीबन एक से डेढ़ किलोमीटर तक के रास्ते को क्लियर कर रहा है।

पेट्रोलिंग प्वॉइंट 17 पर भी चीन ने अपने सैनिकों की तादाद को कम किया है उसके साथ-साथ टेंट और रोड कंस्ट्रक्शन के लिए लाए हुए बुल्डोजर को भी पीछे किया है।

इंडिया टीवी को यह भी जानकारी मिली है कि अगले 2-3 दिन के अंदर गलवान के पूरे इलाक़े से पीछे हटकर चीन अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मेंटेन करने वाली जगह पर चला जाएगा।चीन ने अपने सैनिकों को भी स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी भारत के प्रति उग्र रवैए का इस्तेमाल नहीं करेगा।

आपको बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हालात का जायजा लेने के लिए खुद कंपनी कमांडर संतोष बाबू  कुछ जवानों को लेकर उस इलाके की तरफ गए। यहां PP14 के नजदीक चीनी सेना का कैंप लगा हुआ था। चीन ने न सिर्फ इस कैंप को दोबारा लगाया था बल्कि पूरी पलटन ही बदल दी थी। ये नई पलटन हाह ही में युद्ध अभ्यास कर लौटी थी और पहले वाली यहां से जा चुकी थी।

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कर्नल संतोष बाबू ने इस पलटन से  लेफ्टिनेंट जनरल लेवल टॉक्स का हवाला देते हुए इस इलाक़े को ख़ाली करने के लिए कहा, जिसपर चीनियों ने उनपर हमला कर दिया और फिर ये मामला गंभीर हो गया। ये करीब शाम के 7 बजे का समय रहा होगा। भारत के 35 जवान चीन की पीएलए से भिड़ रहे थे। इस दौरान दोनों तरफ के सैनिक चोटिल हुए लेकिन भारतीय सेना चीनी PLA पर भारी पड़ी और उनके टैंट को उखाड़ फेका और उनके प्रतीकों को मिटा दिया।

सूत्रों के अनुसार, CO कर्नल संतोष बाबू ने इस दौरान मामला शांत करवाने की कोशिश की लेकिन चीनी जवान मानने को बिलकुल तैयार नहीं थे। इस दौरान उन्होंने घायल भारतीय जवानों को वापस भेज दिया। इस विवाद के बाद रात करीब 9 बजे बातचीत के दौर फिर शुरू होना था, लेकिन इससे पहले ही चीनी सैनिकों ने पत्थर बरसाना शुरू कर दिया और इसी बीच एक पत्थर कर्नल संतोष बाबू के सिर पर लगा और वो नदी में गिर गए। उनके साथ एक जवान के भी चोट चली।

इसबार लड़ाई करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान घायलों को लेकर भारतीय सेना के जवान अपने कैंप में आए और तब तक ये ख़बर आग की तरह फैल चुकी थी कि चीनी PLA ने भारतीय सेना की 16 बिहार के कर्नल बाबू पर वार किया है। इसी बीच चीन अपने UAV के ज़रिए नाइट विजन डिवाइस और थर्मल इमेजिंग के ज़रिये देखना चाहता था कि भारतीय सेना के कैंपों में क्या स्थिति है और कितने ज़ख़्मी हो गए हैं लेकिन भारतीय सेना इसे भांप चुकी थी।

इसके बाद LAC पर तैनात इन जवानों की मदद के लिए भारतीय सेना के और जवानों के साथ-साथ घातक प्लाटून के जवान भी आ गए।  इसके बाद 11 बजे लड़ाई का तीसरा दौर शुरू हुआ, जो चीन के कब्जे वाले लद्दाख की तरफ लड़ा गया। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनियों की जमकर खबर ली। पहले से गुस्से में भारतीय सैनिक चीनियों पर टूट पड़े। 

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