Friday, April 26, 2024
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जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट, ये हैं महत्वपूर्ण बिंदू

जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की है।

Abhay Parashar Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Updated on: February 19, 2020 0:02 IST
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।- India TV Hindi
Image Source : PTI जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।

नई दिल्ली: जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की है। चार्चशीट में बताया गया कि यह आईपीसी सेक्शन 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 307, 427, 435, 323, 341, 120बी, 34 और पीडीपीपी (प्रिवेंशन ऑफ़ डैमेज तो पब्लिक प्रॉपर्टी) सेक्शन 3 और 4 का मामला है। चार्जशीट में लिखा गया है कि जामिया में 15 दिसंबर को भी प्रदर्शन की खबर मिली। इससे पहले पिछले दो दिन भी प्रदर्शन हुआ था। 

चार्जशीट के मुताबिक, 3 बजे जामिया यूनिवर्सिटी की तरफ बड़ी संख्या में लड़के-लडकियां आने लगे, जिसमें कुछ पॉलिटिशियन भी थे। जैसे- आशु खान (लोकल लीडर- 3 दिन से लोगों को भड़का रहा था), मुस्तफा (लोकल लीडर), हैदर (लोकल लीडर), चन्दन कुमार (आईसा, जामिया यूनिवर्सिटी में मास मीडिया का छात्र भी है), आसिफ तन्जा (SIO, जामिया यूनिवर्सिटी), कासम उस्मानी (CYSS, जामिया यूनिवर्सिटी), आसिफ खान (पू्र्व विधायक- यह प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे)। 

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, प्रदर्शन करते हुए भीड़ मथुरारोड पर आ गई, फिर पथराव और आगजनी की खबरें आने लगीं। जामिया यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 4 से 7 के बीच से 20 प्लास्टिक बैग (जिसमें ईंट और पत्थर प्रदर्शनकारी लाए थे), गाड़ियों के जले हुए 3 टायर और साइकिल के जले हुए 6 टायर बरामद किए गए। गेट नंबर 7 से 8 के बीच जामिया नगर मेट्रो से कांच की बोतलों के टुकड़े और 23 ट्यूबलाइट के टुकड़े बरामद हुए। वहीं, कब्रिस्तान चौक से जली हुई दो कुर्सियों के आयरन फ्रेम (जो प्रदर्शनकारियों ने जलाई थीं), जले हुए कागजात, जले हुए कांच के टुकड़े और जले हुए स्क्रीन कपड़े बरामद हुए। 

16 दिसंबर को पहचाने गए 6 लोग लोकल लोग, जिनमें दानिश, शरीफ अहमद, दिलशाद, मोहम्मद हनीफ, समीर अहमद और मोहम्मद दानिश ने पूछताछ में खुलासा किया कि 'कुछ दिनों से नया कानून जो मोदी लाए हैं, उसके खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी के कुछ लड़के, पासआउट लड़के, राजनीति के लोग और उनके समर्थक विरोध कर रहे थे। इसमें आसिफ खान (एक्स एमएलए), नेता मुस्तफा, नेता आशु खान, नेता हैदर, जामिया यूनिवर्सिटी के लड़के चन्दन कुमार, आसिफ तन्हा, कासिम उस्मानी ने भड़काया और डराया और कहा कि अब भी मोदी का विरोध नहीं किया तो मोदी सबको देश से निकालने का कानून ला रहा है और जल्द ही मुस्लिम को देश से निकाल देगा।'

उन्होंने कहा 'अब मोदी को अपनी ताकत दिखाने का समय है कि मुसलमान क्या चीज हैं। इसलिए, सबको मिलकर सरकार और पुलिस का डटकर विरोध करना है। कुछ भी हो जाए पीछे नहीं हटना है और संसद पहुचकर अपनी ताकत दिखानी है। अगर पुलिस पीछे भगाती है तो यूनिवर्सिटी के अंदर चले जाना, पुलिस यूनिवर्सिटी के अंदर नहीं आएगी। इसके बाद वह 15 दिसंबर को अपने साथियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी मथुरा रोड पर आ गए, जाम लगा दिया, पथराव किया, गाड़ियों में आग लगा दी और वापिस आते हुए जुलना चौक पर पुलिस बूथ में तोड़फोड़ की, पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई और फिर जामिया यूनिवर्सिटी की तरफ पहुच गए। 

उन्होंने बताया कि 'पुलिस ने हमें समझाने की कोशिश की, अपील की लेकिन वहां पुलिस और सरकार के खिलाफ ऊंची आवाज में नारे लगने लगे। अल्लाह उह अकबर के नारे लगने लगे, सड़क जाम कर दी गई, फिर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लोग यूनिवर्सिटी के अंदर चले गए, जिन्हें निकालने के लिए पुलिस अंदर आई और लाठीचार्ज किया। जिसमें कई लोगों को चोट आई। इस गुस्से से कुछ लोगों ने कब्रिस्तान चौकी में पैट्रोल से आग लगा दी। पुलिस के आने पर हमें भागना पड़ा। जामिया चौक पर हमनें पथराव किया और फिर पुलिस के आने पर बाटला हाउस के अन्य लोगों के साथ जाकिर नगर ढलान पर बने पुलिस बूथ में आग लगा दी।

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