Thursday, April 25, 2024
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चीन सीमा पर बन रही सड़कों पर तेजी से होगा काम, 73 में से 32 सड़कें जल्द की जाएगी पूरी- सूत्र

सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर कुल 73 सड़कें बनायी जा रही है। गृह मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से जल्द पूरा करने को कहा गया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 22, 2020 21:10 IST
Indian Army- India TV Hindi
Image Source : AP Representational Image

नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर भारतीय सेना और चीनी PLA आमने सामने खड़ी हैं। दोनों देशों की बीच तनाव चरम पर है। लद्दाख में जारी इस तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने एक ऐसा फैसला किया है जो चीन को पसंद नहीं आएगा। सोमवार को गृह मंत्रालय में भारत चीन बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें तय किया गया है कि चीन सीमा पर बनाई जा रही सड़कों में तेजी लाने का किया जाएगा।

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सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर कुल 73 सड़कें बनायी जा रही है। गृह मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से जल्द पूरा करने को कहा गया है। बैठक में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी BRO,ITBP, CPWD और गृह मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। सरकार का कहना है कि इनमें से कम से कम 32 सड़कों का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया। इसके लिए एक विस्तृत योजना भी बना ली गई है।

भारतीय सेना और चीन की फौज के बीच गतिरोध के मध्य केंद्र सरकार ने भारत चीन सीमा पर चल रही सड़क परियोजनाओं की सोमवार को समीक्षा की और उनमें से 32 परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में यह फैसला किया गया है।

इस बैठक में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) समेत अन्य ने हिस्सा लिया। भारत सीमा पर बनाई जा रहीं 73 सड़कों में से 12 पर सीपीडब्ल्यूडी और 61 पर बीआरओ काम कर रहा है। यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय की सीधी निगरानी में किया जा रहा है जो सभी सीमा अवसंरचना परियोजनाओं के लिए नोडल प्राधिकार है।

एक अधिकारी ने बताया कि लद्दाख में बीआरओ कम से कम तीन अहम सड़कों का निर्माण कर रहा है। सड़कों के अलावा, बिजली, स्वास्थ्य, दूरसंचार और शिक्षा जैसे सीमा बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित अन्य परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, हाल के सालों में भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क निर्माण के कामों में तेजी आई है।

अधिकारियों ने बताया कि 2017 से 2020 के बीच सीमा से सटे इलाकों में 470 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता बनाने (फॉरमेशन कटिंग) का काम पूरा किया गया जबकि 2008 से 2017 के बीच यह सिर्फ 230 किलोमीटर था। उन्होंने बता कि 2017-20 के बीच 380 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता साफ किया गया।

उन्होंने बताया कि 2014-20 के बीच छह सुरंग सड़कों का निर्माण किया गया जबकि 2008 से 14 के बीच सिर्फ एक सुरंग सड़क का निर्माण किया गया था। इसके अलावा 19 सुरंग सड़कें योजना के चरण में हैं। 2014-20 के बीच कुल 4,764 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जबकि 2008-14 के बीच 3,610 सड़क का निर्माण किया गया था।

इसी तरह से हाल के सालों में सड़क परियोजनाओं के बजट में भी इजाफा किया गया है। 2008 और 2016 के बीच प्रति वर्ष सड़क परियोजनाओं के लिए बजट 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक था। 2017-18 में सीमावर्ती इलाकों में सड़क परियोजनाओं के लिए 5450 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि 2018-19 में 6700 करोड़ रुपये, 2019-20 में 8050 करोड़ रुपये तथा 2020- 21 में 11,800 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 

गलवान नदी पर महत्वपूर्ण पुल का निर्माण पूरा कर चुका है भारत

चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का निर्माण पूरा कर लिया है। सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस पुल का निर्माण भी क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आक्रामक रुख के कारणों में से एक है जिनकी वजह से दोनों पक्षों के बीच छह सप्ताह से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

क्षेत्र में 60 मीटर लंबा यह पुल श्योक और गलवान नदियों के संगम से पूर्व में करीब चार किलोमीटर दूर स्थित है और सकरे पर्वतीय क्षेत्र को श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग से जोड़ता है। सूत्रों ने कहा कि यह पुल क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की जल्द आवाजाही में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि यह सोमवार रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प वाली जगह से बहुत दूर नहीं है।

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया, ‘‘यह पुल निश्चित रूप से क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की आवाजाही सुगम करेगा। हमने सैनिकों के बीच गतिरोध तथा चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद पुल का निर्माण पूरा किया।’’ गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच क्षेत्र में सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण हालात और खराब हो गए। 

With inputs from Bhasha

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