Thursday, April 25, 2024
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कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में ज्यादा तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं: गुलेरिया

दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘‘देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। समय के साथ महामारी स्थानीय बीमारी का रूप लेगी। मामले आते रहेंगे लेकिन प्रकोप बहुत कम हो जाएगा।’’

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 23, 2021 22:27 IST
कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में ज्यादा तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं: गुलेरिया - India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में ज्यादा तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं: गुलेरिया 

Highlights

  • फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं- डॉ रणदीप गुलेरिया
  • डॉ वी के पॉल ने कहा- तीसरी खुराक पर निर्णय विज्ञान के आधार पर लिया जाना चाहिए
  • ICMR के महानिदेशक की लिखी पुस्तक ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन-द इनसाइड स्टोरी’ का किया विमोचन

नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है। 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव की लिखी पुस्तक ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन-द इनसाइड स्टोरी’ के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से टीके संक्रमण की गंभीरता को रोकने और अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति से बचाने के मामले में कारगर हो रहे हैं, अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों के भर्ती होने समेत किसी बड़ी लहर की संभावना हर दिन क्षीण हो रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। समय के साथ महामारी स्थानीय बीमारी का रूप लेगी। मामले आते रहेंगे लेकिन प्रकोप बहुत कम हो जाएगा।’’ टीके की बूस्टर खुराक के संदर्भ में गुलेरिया ने कहा कि इस समय मामलों में इजाफा नहीं देखा जा रहा, जिससे लगता है कि टीकों से कोरोना वायरस के खिलाफ अब भी सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक की फिलहाल जरूरत नहीं है।’’ 

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि तीसरी खुराक पर निर्णय विज्ञान के आधार पर लिया जाना चाहिए। रूपा प्रकाशन से आई पुस्तक के बारे में बात रखते हुए भार्गव ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ संरक्षण के लिए टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत के समर्थन में अभी तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों, सरकार और लोगों के काम में स्पष्टता तथा गंभीरता थी। उन्होंने कहा कि महामारी से लोगों ने सीख ली है और स्वास्थ्य संबंधी ढांचा मजबूत हुआ है, वहीं हमें दुनिया में सभी वायरसों पर नजर रखनी होगी।

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