श्रीनगर: दुश्मन देश पाकिस्तान की ओर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की शांति में किसी तरह का दखल देने की कोशिश न हो, इसे लेकर भारतीय सेना अलर्ट है। भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर गश्त तेज कर दी है। घुसपैठ की कोशिशों को रोकने और सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेना अब उन्नत हथियारों और उन्नत निगरानी उपकरणों का भी इस्तेमाल कर रही है।
इंडिया टीवी की टीम भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गई नियंत्रण रेखा पर पहुंची जहां ऑपरेशन संदूर 4 दिनों तक चला था। इस पोस्ट से POK की दूरी 2 किमी है। ऑपरेशन संदूर के दौरान यहां तैनात भारतीय सेना के जवानों ने मीरपुर और मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिदीन के लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया।
AK-47, AK-203 से लैस हैं जवान
LoC पर तैनात सैनिक रूस निर्मित AK-47 राइफल, अमेरिका निर्मित SIG 716 असॉल्ट राइफल और AK-203 से लैस हैं। AK-203रूस के साथ 2021 के समझौते के बाद भारत में निर्मित एक आधुनिक असॉल्ट हथियार है। अधिकारियों ने बताया कि AK-203 रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और सैनिकों को अत्याधुनिक मारक क्षमता से लैस करने के प्रयासों का हिस्सा है।

त्रिनेत्र ड्रोन से निगरानी
छोटे हथियारों के अलावा, गश्ती इकाइयां दुर्गम इलाकों और संदिग्ध घुसपैठ मार्गों पर नज़र रखने के लिए त्रिनेत्र ड्रोन, जिसे "तीसरी आंख" कहा जाता है, का व्यापक उपयोग कर रही हैं। ये ड्रोन जीपीएस-आधारित रात्रि में उड़ान भरने की क्षमताओं से लैस हैं। इसके साथ ही स्ट्रोबिंग लाइट और विजिबल और infrared wavelength दोहरे सेंसर पेलोड से लैस हैं। उनकी adaptive स्कैनिंग टेक्नोलॉजी अल्ट्रा-हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D मैपिंग को सक्षम बनाती है, जिससे सैनिकों को कम दृश्यता की स्थिति में भी इलाके की विशेषताओं और संभावित खतरों का पूरा व्यू मिलता है।"
हर खतरे से निपटने के लिए तैयार
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न सिर्फ डिफेंस सिस्टम बल्कि दूर-दूर तक मार करने वाले हथियार जैसे AK-47, अमेरिका में निर्मित SIG राइफल और मेड इन इंडिया AK-203 जैसे आधुनिक असॉल्ट राइफल के अलावा आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में नियंत्रण रेखा पर मेड इन फ्रीलैंड की साइको स्नाइपर को भी शामिल किया गया है। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्नाइपर का इस्तेमाल तो नहीं किया गया था लेकिन नियंत्रण रेखा पर तैनात जवान आज भी किसी भी खतरे से निपटने के लिए दिन और रात अलर्ट पर हैं।

रोज होती है प्रैक्टिस फायर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बरकरार है इसलिए नियंत्रण रेखा पर अलर्टनेस भी बेहद ज्यादा बढ़ा दी गई है। ऑपरेशन सिंदूर और 15 अगस्त के समारोह को नजर में रखकर नियंत्रण रेखा से सटे जंगलों में जवान प्रतिदिन प्रैक्टिस फायर करते नजर आ रहे हैं। यह किसी भी तरह से घुसपैठ या आतंकवादी घटना को रोकने के लिए ट्रेनिंग का एक हिस्सा होता है। यह प्रैक्टिस फायरिंग जवानों के हौसलों को बुलंद और ज्यादा सक्षम बना देती है।

अंतिम चौकी तक पहुंचा इंडिया टीवी
इंडिया टीवी उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में लगभग 8,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित अंतिम सैन्य चौकी तक पहुंचा। अधिकारियों ने खुलासा किया कि इस रणनीतिक चौकी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक आतंकी लॉन्चपैड को नष्ट करने में भूमिका निभाई थी। यह चौकी नियंत्रण रेखा के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर नज़र रखती है, जिससे यह निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह कड़ी चौकसी ऑपरेशन सिंदूर के तहत शुरू किए गए सटीक अभियानों का ही एक हिस्सा है तथा 15 अगस्त के समारोह से पहले एक एहतियाती कदम है।