Sunday, December 15, 2024
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस, तीन हफ्ते में मांगा जवाब

चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद पर हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। चंडीगढ़ नगर निगम में मंगलवार को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव हुआ था।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Jan 31, 2024 19:14 IST, Updated : Jan 31, 2024 19:18 IST
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे एक दिन पहले मंगलवार को आए। चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बुधवार को चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम चंडीगढ़ से जवाब मांगा। हालांकि, नतीजे पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया। न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की याचिका पर नोटिस जारी किया और प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। 

धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेने का आरोप 

चुनाव के फैसले को 'आप' और कांग्रेस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चुनौती दी है, जिन्होंने पीठासीन अधिकारी पर मतगणना प्रक्रिया में धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेने का आरोप लगाया। मंगलवार को इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस-आप गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा, नगर निगम में सत्तारूढ़ बीजेपी ने चार वोटों से जीत हासिल करके लगातार नौवीं बार मेयर पद की सीट बरकरार रखी। सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन सीट हार गया। पीठासीन प्राधिकारी अनिल मसीह ने 36 में से आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया। बीजेपी को 16 वोट मिले, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 पार्षद होने के बावजूद 12 वोट थे। 

स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से दोबारा चुनाव कराने की मांग

आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुमार ने सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से दोबारा चुनाव कराने की प्रार्थना की। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि अभ्यास और नियमों से पूरी तरह हटकर पीठासीन अधिकारी ने पार्टियों के प्रत्याशियों को वोटों की गिनती की निगरानी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया है, "पीठासीन अधिकारी ने बहुत ही कमजोर तरीके से सदन को संबोधित किया कि वह चुनाव लड़ रहे दलों की ओर से नामित सदस्यों से कोई सहायता नहीं चाहते हैं और वह वोटों की गिनती खुद करेंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आवाज उठाई, लेकिन उनके अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उपायुक्त और विहित प्राधिकारी, जो पिछले साल के चुनाव में भी इसी पद पर थे, चुप रहे।'' (IANS इनपुट के साथ) 

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