Monday, April 29, 2024
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Saturday Mythology Story: क्यों रखते हैं शनि देव अपने पिता सूर्य से इतनी कट्टर शत्रुता? दोनों में न पटने के पीछे छिपी ये वजह

शनि देव के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि वो न्याय के देवता हैं और व्यक्ति को उसके किए हुए कर्म के अनुसार ही फल देते हैं। क्या आप एक बात जानते हैं शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से बचपन से ही शत्रुता चली आ रही है आखिर इसके पीछे क्या वजह हो सकती है आइए जानते हैं।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: December 02, 2023 16:10 IST
Saturday Mythology Story- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Saturday Mythology Story

Saturday Mythology Story: ग्रहों में न्यायाधीश और सबसे क्रूर ग्रह कह जाने वाले शनि देव का नाम सुनते ही सब कांप जाते हैं। हिंदू धर्म में उन्हें कर्म के अनुसार फल देने वाला देवता कहा गया है। जगत की दंड प्रणाली शनि महाराज के ही हाथों में है। जो लोग बुरे कर्म करते हैं फिर उनकी खेर नहीं। आज के दिन लोग शाम के समय सूर्यास्त के बाद शनि देव को सरसों के तेल का दीपदान करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि हम पर अपनी कृपा बनाए रखें। ऐसा नहीं है कि शनि देव सदैव बुरे फल ही देते हैं। हम  जैसा काम करते हैं उसका फल वो हमें देते हैं।

अगर शनि देव इतने ही क्रूर होते तो ज्योतिष शास्त्र के फलादेश में भला उनके द्वारा शश योग फिर क्यों बनता? ये बस धारणना है कि वह एक क्रूर ग्रह हैं। जितने वो सख्त हैं उतने ही वह सौम्य भी हैं। अब बात आती है शनि देव और सूर्य देव कि तो मान्यता है कि उनकी अपने पिता सूर्य देव से छत्तीस का आंकड़ा रहता है। आइए एक पौराणिक कथा के माध्यम से जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है कि शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से शत्रुता है। 

सूर्य देव नहीं पहचान सके शनि देव को अपना पुत्र

पौराणिक मान्यता के अनुसार शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं। सूर्य देव का विवाह संज्ञा देवी से हुथा था। उनसे यमराज और यमुना देवी प्रकट हुई थीं। सूर्य देव के तेज के कारण संज्ञा देवी ने अपना ही एक रूप छाया का प्रकट कर लिया और उन्हे सूर्य देव की सेवा में लगा दिया। यह बात सूर्य देव जान नहीं पाए क्योंकि संज्ञा और छाया देवियां दोनों दिखने में एक जैसी थीं। संज्ञा देवी ने अपनी छाया का रूप सौंपते ही वो वहां से सूर्य देव को ये बात बताए बिना वहां से चली गईं। ज्योतिष शास्त्र में भी देखा जाए तो बुध और राहु-केतु को छोड़ कर सारे ग्रह सूर्य देव के निकट आते ही अस्त हो जाते हैं। भला उनका तेज कैसे कोई सहन कर सकता है। बाद में छाया देवी के पुत्र शनि देव हुए उनका रंग थोड़ा सांवला था। जब सूर्य देव ने शनि देव को देखा तो उन्होंने ने देवी छाया से कहा कि यह मेरा पुत्र नहीं हो सकता। यह बात सुनते शनि देव अपनी मां छाया का अपमान न सह सके और तब से वह अपने पिता से बैर करने लगे। इसलिए कहा जाता है कि शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से शत्रुता रहती है जिसके पीछे ये कारण छिपा हुआ है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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