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TRAI का बड़ा फैसला, बदल जाएंगे पूरे देश के लैंडलाइन नंबर

TRAI ने दो दशक के बाद नेशनल नंबर सिस्टम में बड़े बदलाव की सिफारिश की है। दूरसंचार विभाग के निर्देश पर पूरे देश के लैंडलाइन नंबर बदल जाएंगे।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Feb 06, 2025 10:42 pm IST, Updated : Feb 06, 2025 10:42 pm IST
Landline Number- India TV Hindi
Image Source : FILE लैंडलाइन

TRAI यानी दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने दो दशक पुराने नेशनल नंबरिंग सिस्टम को बदने की सिफारिश जारी है। इस सिफारिश के लागू होने के बाद पूरे देश के लैंडलाइन नंबर बदल जाएंगे। दूरसंचार नियामक ने अपनी रिलीज में बताया कि जिस तरह देश में तेजी से मोबाइल फोन और कनेक्टेड डिवाइसेज की संख्यां बढ़ रही है, उसे देखते हुए नंबर सिस्टम में बदलाव की जरूरत है ताकि सभी को भरोसेमंद टेलीकॉम सर्विस मुहैया कराई जा सके।

नेशनल नंबर सिस्टम में होगा बदलाव

ट्राई का रेकोमेंडेशन दूरसंचार विभाग (DoT) के 2022 में जारी किए गए निर्देश के बाद आया है, जिसमें फिक्स्ड लाइन नंबर और उसके टेलीकॉम कोड को ठीक करने के लिए कहा गया था। टेलीकॉम ऑपरेटर्स और एक्सपर्ट्स से मिले फीडबैक के आधार पर दूरसंचार नियामक ने बड़ा फैसला ले लिया है।

TRAI ने अपने रेकमेंडेशन में कहा है कि फिक्स्ड लाइन या लैंडलाइन के नंबरिंग सिस्टम को मोबाइल की तरह ही 10 डिजिट का किए जाने की जरूरत है। इसकी वजह से उपलब्ध नंबरों का सही से उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा सभी लैंडलाइन से लैंडलाइन पर कॉल करने से पहले '0' लगाने की जरूरत होगी। हालांकि, मोबाइल द्वारा डायलिंग किए जाने की प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी।

6 महीने की डेडलाइन

दूरसंचार नियामक ने इस बदलाव के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 6 महीने का समय दिया है। इसके अलावा अगले 5 साल में मोबाइल की तरह ही फिक्स्ड लाइन पोर्टेबिलिटी सिस्टम लाने की भी योजना है। ट्राई ने फ्रॉड कॉल्स से राहत देने के लिए CNAP यानी कॉलर आईडी नेम प्रजेंटेशन सर्विस को जल्द रोल आउट करने का निर्देश दिया है। टेलीकॉम कंपनियां इस नए सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करे। साथ ही, फर्जी नंबर पर लगाम लगाने के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और मजबूत किए जाने की सलाह दी है।

दूरसंचार नियामक ने कहा है कि मशीन-टू-मशीन (M2M) डिवाइस के लिए 13 डिजिट के नंबर जारी किए जाएंगे, जो फिलहाल 10 डिजिट के होते हैं। इसके अलावा इमरजेंसी नंबर्स के लिए स्पेशल शॉर्टकोड्स को फ्री किया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर सरकार इसे यूज कर सके। इसके लिए समय-समय पर ऑडिट करने की जरूरत है।

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