आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद गर्ग ने ट्वीट किया कि सभी राजस्व और व्यय को लेने के बाद मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा 2017-18 के संशाधित अनुमान से कम रहेगा।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह निर्धारित लक्ष्यों को पार कर गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस दौरान रिकॉर्ड 6.84 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए।
अर्थव्यवस्था में हाल में दिखे बढ़त के मद्देनजर देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में 7.44 लाख करोड़ रुपए रहा है, जोकि वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि की तुलना में 19.5 फीसदी अधिक है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीने यानि अप्रैल से लेकर जनवरी के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 19.3 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े नौ महीने में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो राहत देने वाली बात है।
आयकर वसूली के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ माह में प्रत्यक्ष कर वसूली 18.2 प्रतिशत बढ़कर 6.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 के दौरान महाराष्ट्र से 3.14 लाख करोड़ रुपए का टैक्स आया है
चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से लेकर नवंबर तक की अवधि में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी का असर अब पूरी तरह से खत्म होने का संकेत मिलता है।
2017-18 की पहली छमाही के दौरान डायरेक्ट टैक्स उगाही 15.8 फीसदी बढ़कर 3.86 लाख करोड़ रुपए दर्ज की गई है
अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 1.90 लाख करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स इकट्टा हुआ है जो वित्तवर्ष 2017-18 के लिए तय हुए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का 19.5 फीसदी है
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