वैश्विक और घरेलू आर्थिक-सियासी घटनाक्रम की छाया में, सोना और चांदी सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में और भी आकर्षक होते जा रहे हैं। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ्स और रुपये की डॉलर के मुकाबले कमजोरी के चलते कीमत को सपोर्ट मिला।
सोमवार को भी वायदा बाजार में चांदी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया था। सोमवार को 2597 रुपये की बड़ी तेजी के साथ चांदी का भाव 1.24 लाख रुपये के स्तर को पार कर गया था।
सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सावधानी और रणनीति से जुड़े फैसलों का संकेत है। आने वाले दिनों में ब्याज दरों पर फेड की नीति, डॉलर की स्थिति और वैश्विक व्यापार तनाव कीमतों की दिशा तय करेंगे।
एक्सपर्ट्स ने बताया कि प्रतिभागियों के ताजा सौदे करने से चांदी की कीमतों में तेजी आई है। वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में दिसंबर के कॉन्ट्रैक्ट वाली चांदी की कीमत 41 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई जो पिछले 14 साल में सबसे ज्यादा है।
डॉलर में गिरावट और सुरक्षित निवेश की ओर रुझान के चलते सोने को समर्थन मिला है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल गवर्नर लिसा कुक को हटाने की धमकी के बाद निवेशकों ने सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर रुख किया है।
जानकार कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को हटाए जाने के फैसले से निवेशकों में असमंजस और अस्थिरता बढ़ी है। इस वजह से सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर सोने की मांग बढ़ी है।
सोने की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। हालांकि यह एक रेंज में बना हुआ है। इस सप्ताह जारी होने वाला अमेरिका का Q2 GDP डेटा फेडरल रिजर्व की अगली मौद्रिक नीति दिशा और बुलियन बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकता है।
पिछले कुछ हफ्तों में बाजार में ऐसी कोई बड़ी खबर या घटना नहीं हुई थी जो सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सके, इसीलिए कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
एक तरफ सोने की कीमतों में सुस्ती है, तो दूसरी तरफ चांदी ने निवेशकों को आकर्षित किया है। अब सबकी निगाहें जैक्सन होल सम्मेलन पर टिकी हैं, जो कीमती धातुओं की अगली चाल तय कर सकता है।
सोने और चांदी दोनों की कीमतों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों की वजह से तेज उछाल देखा गया है। निवेशकों को आने वाले वैश्विक संकेतकों और फेड की नीति पर खास नजर रखनी चाहिए।
वेंचुरा का कहना है कि 2025 के बाकी महीनों में सोने की कीमतों में मजबूती बनी रहने की संभावना है। भारत में भी 8 अगस्त को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर अक्टूबर डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स की कीमत ₹1,02,250 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई।
ग्लोबल संकेतों के बीच सोने के भाव में बीते कुछ दिनों से नरमी का रुख देखा जा रहा है। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में आई कमी से सोने की कीमतों को झटका लगा है।
जानकारों का कहना है कि सोने की कीमतों में नरमी यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई शांति वार्ता से आई है।
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बीते कुछ सत्र से सोने और चांदी की कीमत में गिरावट का रुख देखा जा रहा था। माना जा रहा है कि अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों का टैरिफ विराम और अंतरराष्ट्रीय नेताओं की आगामी बातचीत सोने की तेजी को सीमित कर सकती हैं।
सोने की कीमत में हाल में आई तेजी के बाद गिरावट का रुझान देखने को मिल रहा है। हालांकि, दुनिया में सोने की सुरक्षित निवेश की मांग को बल मिला है।
इस साल जुलाई में ओवरऑल ईटीएफ में गोल्ड ईटीएफ को छोड़कर कुल 4476 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो जून में सिर्फ 844 करोड़ रुपये था।
जानकारों का मानना है कि शुक्रवार को ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक से रूस-यूक्रेन युद्ध पर संभावित शांति योजना का ऐलान हो सकता है, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की मांग पर असर पड़ सकता है।
मंगलवार को MCX पर सोने की कीमतों में 1400 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
शुक्रवार तक पांच सत्रों में सोने की कीमतों में 5,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की वृद्धि हुई थी।
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