कोरोना टीकाकरण को लेकर कोविन प्रणाली को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाया जा रहा है। 8 मई से कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन प्रणाली में एक नया फीचर शुरू होने जा रहा है।
देश में पहली मई से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी गई है जिनकि आयु 18-44 वर्ष के बीच है लेकिन वैक्सीन की कमी की वजह से अभी तक इस आयुवर्ग के ज्यादा लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पायी है।
जहां देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से तबाही मची हुई है वहीं दूसरी ओर 1 मई से शुरू हो रहे 18 साल के ऊपर के लोगों के टीकाकरण कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है।
सोशल मीडिया पर लोग कोरोना से बचाव के तरह-तरह के नुस्खे शेयर कर रहे हैं। लेकिन घर पर कोरोना से बचाव का कोई भी नुस्खा अपनाने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी अवश्य कर लें।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के अन्य तरह के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते नए मामलों के बाद ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत एवं इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के 79.32 फीसद नये मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत दस राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से आये हैं।
भारत में कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में सार्स सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से अब तक कुल 1189 नमूने संक्रमित मिले हैं।
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश को पृथकवास, ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा कोविड-19 के मामलों का जल्द पता लगाकर मृत्यु दर में कमी लाने एवं राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने का सुझाव दिया।
केंद्र ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 50,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जबकि इसके संसाधनों और उत्पादन क्षमता का अत्यधिक मामलों वाले 12 राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिह्नीकरण किया गया है।
देश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए तेजी से टीकाकरण अभियाना चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर टीकाकरण अभियान को लेकर कई फर्जी विज्ञापन और सूचनाएं भी फैलाई जा रही हैं।
देश में 10 करोड़ से अधिक कोविड-19 टीके लगाए जाने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत ने 85 दिन में 10 करोड़ खुराक दी हैं, जो विश्व का सबसे तेज टीकाकरण अभियान है।
देश में अभी कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों में से 72.23 प्रतिशत लोग केवल पांच राज्यों- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और केरल के हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को देशभर में 23.46 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई है। सोमवार को देशभर में 32 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया गया था।
महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है और 78.41 फीसदी नए मामले इन पांच राज्यों से हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार शाम तक कोविड-19 टीकों की 10,34,672 खुराकें दिए जाने के साथ ही देश भर में अब तक 1.90 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने सोमवार को बताया कि अब तक वैक्सीन से 23 लोगों की मौत हुई है इसमें से 9 की मौत अस्पताल में हुई और 14 की मौत अस्पताल के बाहर हुई।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को उन आरोपों को “पूर्ण रूप से आधारहीन” करार दिया कि सरकार ने यह कहने में जल्दबाजी दिखाई कि 19 स्वास्थ्य कर्मियों की मौत का कारण कोविड-19 का टीका नहीं है।
भारत 26 जनवरी तक 20.3 लाख लोगों को कोविड-19 टीके की खुराक देकर सबसे ज्यादा टीकाकरण करने वाला पांचवां देश बन गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गुरुवार (28 जनवरी) शाम 7 बजे तक कुल 28,47,608 लोगों को कोविड की वैक्सीन लगाई गई है।
दिल्ली एम्स के सुरक्षा गार्ड ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी होने की बात कही है। वहीं दो और स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इन दोनों को छाती में हल्की जकड़न का सामना करना पड़ा।
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